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"दिल का क्या है वो तो चाहेगा / परवीन शाकिर" के अवतरणों में अंतर

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दिल का क्या है वो तो चाहेगा मुसलसल मिलना <br>
 
दिल का क्या है वो तो चाहेगा मुसलसल मिलना <br>
 
वो सितमगर भी मगर सोचे किसी पल मिलना <br><br>
 
वो सितमगर भी मगर सोचे किसी पल मिलना <br><br>

18:49, 25 मई 2009 के समय का अवतरण

दिल का क्या है वो तो चाहेगा मुसलसल मिलना
वो सितमगर भी मगर सोचे किसी पल मिलना

वाँ नहीं वक़्त तो हम भी हैं अदीम-उल-फ़ुरसत
उस से क्या कहिये जो हर रोज़ कहे कल मिलना

इश्क़ की राह के मुसाफ़िर का मुक़द्दर मालूम
दश्त-ए-उम्मीद में अन्देशे का बादल मिलना

दामने-शब को अगर चाक भी कर लें तो कहाँ
नूर में डूबा हुआ सुबह का आँचल मिलना