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आपने इतना दिया है ध्यान सड़कों पर
 
आपने इतना दिया है ध्यान सड़कों पर

08:07, 7 नवम्बर 2009 का अवतरण

आपने इतना दिया है ध्यान सड़कों पर

हर क़दम पर बन गए शमशान सड़कों पर


हक़ उन्हें अब भी कहाँ है उनपे चलने का

ज़िन्दगी जिनकी हुई क़ुर्बान सड़कों पर


चीखने वालों ने तो हर बात मनवा ली

‘शांत स्वर’ को कब मिले हैं ‘कान’ सड़कों पर


अब दिशा विश्वास को कोई नई दे दो

मंदिरों में भीड़ है भगवान सड़कों पर


‘द्विज’! अकेली ‘गुनगुनाहट’ कौन सुनता है

आ चलें ले कर नया सहगान सड़कों पर