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"बात चलैं जिनकी उड़ात धीर धूरि भयौ / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’" के अवतरणों में अंतर
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बात चलैं जिनकी उड़ात धीर धूरि भयौ, | बात चलैं जिनकी उड़ात धीर धूरि भयौ, | ||
− | ऊधौ मंत्र फूँकन चले हैं तिन्हें ज्ञानी ह्वै । | + | ::ऊधौ मंत्र फूँकन चले हैं तिन्हें ज्ञानी ह्वै । |
कहै रतनाकर गुपाल के हिये मैं उठी, | कहै रतनाकर गुपाल के हिये मैं उठी, | ||
− | हूक मूक भायनि की अकह कहानी ह्वै ॥ | + | ::हूक मूक भायनि की अकह कहानी ह्वै ॥ |
गहबर कंठ ह्वै न कढ़न संदेश पायौ, | गहबर कंठ ह्वै न कढ़न संदेश पायौ, | ||
− | नैन मग तौलौं आनि बैंन अगवानी ह्वै । | + | ::नैन मग तौलौं आनि बैंन अगवानी ह्वै । |
प्राकृत प्रभाव सौ पलट मनमानी पाइ, | प्राकृत प्रभाव सौ पलट मनमानी पाइ, | ||
− | पानी आज सकल संवारयौ काज बांनी ह्वै ॥19॥ | + | ::पानी आज सकल संवारयौ काज बांनी ह्वै ॥19॥ |
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09:31, 2 मार्च 2010 के समय का अवतरण
बात चलैं जिनकी उड़ात धीर धूरि भयौ,
ऊधौ मंत्र फूँकन चले हैं तिन्हें ज्ञानी ह्वै ।
कहै रतनाकर गुपाल के हिये मैं उठी,
हूक मूक भायनि की अकह कहानी ह्वै ॥
गहबर कंठ ह्वै न कढ़न संदेश पायौ,
नैन मग तौलौं आनि बैंन अगवानी ह्वै ।
प्राकृत प्रभाव सौ पलट मनमानी पाइ,
पानी आज सकल संवारयौ काज बांनी ह्वै ॥19॥