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"सुरमा-ए-मुफ़्त-ए-नज़र हूँ मेरी क़ीमत ये है / ग़ालिब" के अवतरणों में अंतर
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05:26, 5 मार्च 2010 का अवतरण
सुर्मा-ए-हफ़्त-ए-नज़र<ref>सात चीज़ें (सब कुछ) देखने वाला सुरमा</ref> हूँ, मेरी क़ीमत ये है
कि रहे चश्म-ए-ख़रीदार<ref>ख़रीदार की आँख</ref> पे एहसां अपना
रुख़्सत-ए-नाला<ref>रोने की अनुमति</ref> मुझे दे कि मुबादा<ref>ऐसो ना हो</ref> ज़ालिम
तेरे चेहरे से हो ज़ाहिर ग़म-ए-पिन्हां<ref>छिपा हुआ दुःख</ref> अपना
शब्दार्थ
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