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तरकश
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रचनाकार | ग़ालिब |
---|---|
प्रकाशक | |
वर्ष | 1995 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | ग़ज़लें, नज़्में |
विधा | |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
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- मेरा आँगन, मेरा पेड़ / जावेद अख़्तर
- हम तो बचपन में भी अकेले थे / जावेद अख़्तर
- सच ये है बेकार हमें ग़म होता है / जावेद अख़्तर
- शहर के दुकाँदारो / जावेद अख़्तर
- ये तसल्ली है कि हैं नाशाद सब / जावेद अख़्तर
- दर्द के फूल भी खिलते हैं / जावेद अख़्तर
- दिल में महक रहे हैं / जावेद अख़्तर
- दुख के जंगल में फिरते हैं / जावेद अख़्तर
- हमारे शौक़ की ये इन्तहा थी / जावेद अख़्तर
- मैं और मिरी आवारगी / जावेद अख़्तर
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