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"पुल / अवतार एनगिल" के अवतरणों में अंतर

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पास
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बहुत पास
 
भटकती है
 
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गुलमोहरी कसक
 
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लहरा रहा है
एक क्षण।</poem>
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एक क्षण।
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10:47, 27 अप्रैल 2010 के समय का अवतरण

दूर
बहुत दूर
सुनाई दे रही
ख़ुश्बू की आहट

पास
बहुत पास
भटकती है
गुलमोहरी कसक

दूरी और सामीप्य में
लहरा रहा है
एक क्षण।