भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पुल / अवतार एनगिल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 11: पंक्ति 11:
 
ख़ुश्बू की आहट
 
ख़ुश्बू की आहट
  
पास बहुत  
+
पास
 +
बहुत पास
 
भटकती है
 
भटकती है
 
गुलमोहरी कसक
 
गुलमोहरी कसक

10:47, 27 अप्रैल 2010 के समय का अवतरण

दूर
बहुत दूर
सुनाई दे रही
ख़ुश्बू की आहट

पास
बहुत पास
भटकती है
गुलमोहरी कसक

दूरी और सामीप्य में
लहरा रहा है
एक क्षण।