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+ | बहुत पास | ||
भटकती है | भटकती है | ||
गुलमोहरी कसक | गुलमोहरी कसक |
10:47, 27 अप्रैल 2010 के समय का अवतरण
दूर
बहुत दूर
सुनाई दे रही
ख़ुश्बू की आहट
पास
बहुत पास
भटकती है
गुलमोहरी कसक
दूरी और सामीप्य में
लहरा रहा है
एक क्षण।