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− | * [[हर जनम में उसी की चाहत थे / बशीर बद्र]] | + | *[[आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा / बशीर बद्र]] |
− | * [[वो चाँदनी का बदन | + | *[[जहाँ पेड़ पर चार दाने लगे / बशीर बद्र]] |
− | * [[मुहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला / बशीर बद्र]] | + | *[[हर जनम में उसी की चाहत थे / बशीर बद्र]] |
− | * [[सोचा नहीं | + | *[[वो चाँदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है / बशीर बद्र]] |
− | * [[कभी यूँ भी आ / बशीर बद्र]] | + | *[[यूँ ही बेसबब न फिरा करो / बशीर बद्र]] |
+ | *[[मुहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला / बशीर बद्र]] | ||
+ | *[[सोचा नहीं अच्छा-बुरा देखा सुना कुछ भी नहीं / बशीर बद्र]] | ||
+ | *[[कभी यूँ भी आ / बशीर बद्र]]* | ||
+ | [[रात इक ख़्वाब हमने देखा है / बशीर बद्र]] | ||
+ | *[[सौ ख़ुलूस बातों में सब क़रम ख़यालों में / बशीर बद्र]] | ||
+ | *[[दिल छलक उठा आँख भर आई / बशीर बद्र]] | ||
+ | *[[अब किसे चाहें किसे ढूँढा करें / बशीर बद्र]] |
09:20, 20 मई 2010 का अवतरण
उजालों की परियाँ

रचनाकार | बशीर बद्र |
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प्रकाशक | डायमंड पाकेट बुक |
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विविध |
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- न जी भर के देखा न कुछ बात की / बशीर बद्र
- सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा / बशीर बद्र
- मुझसे बिछड़ के ख़ुश रहते हो / बशीर बद्र
- लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में / बशीर बद्र
- आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा / बशीर बद्र
- जहाँ पेड़ पर चार दाने लगे / बशीर बद्र
- हर जनम में उसी की चाहत थे / बशीर बद्र
- वो चाँदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है / बशीर बद्र
- यूँ ही बेसबब न फिरा करो / बशीर बद्र
- मुहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला / बशीर बद्र
- सोचा नहीं अच्छा-बुरा देखा सुना कुछ भी नहीं / बशीर बद्र
- कभी यूँ भी आ / बशीर बद्र*