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"बात खुल के कहीं, भइल बा का ? / मनोज भावुक" के अवतरणों में अंतर

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22:16, 28 अक्टूबर 2010 का अवतरण


बात खुल के कहीं, भइल बा का ?
प्यार के रंग चढ़ गइल बा का ?

रंग चेहरा के बा उड़ल काहें ?
चोर मन के धरा गइल बा का ?

हम त हर घात के भुला गइलीं
रउरा मन में अभी मइल बा का ?

आईं अबहूँ रहे के मिल-जुल के
जिन्दगी में अउर धइल बा का ?