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कुमार अनिल
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| जन्म | 13 जून 1956 | 
|---|---|
| उपनाम | |
| जन्म स्थान | मेरठ, उत्तरप्रदेश, भारत | 
| कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
| और कब तक चुप रहें (ग़ज़ल-संग्रह), उदीषा (कविता-संग्रह) | |
| विविध | |
| दुष्यंत स्मृति पुरस्कार (2008), कवि होने के साथ साथ कहानी, लघुकथा और निबंध लेखन भी । | |
| जीवन परिचय | |
| कुमार अनिल / परिचय | |
गीत
- पंख कटा मैं एक पखेरू / कुमार अनिल
 - कैसे भूलूँ बचपन अपना / कुमार अनिल
 - हमने तुमको ओ साथी पुकारा बहुत / कुमार अनिल
 
ग़ज़लें
- आज जो आपको सुनानी है / कुमार अनिल
 - जीवन की सुनसान डगर में / कुमार अनिल
 - होठों को सच्चाई दे / कुमार अनिल
 - वो बहुत बेज़ुबान है लेकिन / कुमार अनिल
 - बने हुए हैं इस नगरी में सब शीशे के घर लोगो / कुमार अनिल
 - पालने से निकल के देखो तो / कुमार अनिल
 - दुश्मन को भी गले लगा कर ख़ुश हो लेता हूँ / कुमार अनिल
 - सुर्ख़ शोलों में ढल गया आख़िर / कुमार अनिल
 - दोस्त बनकर बहुत छला है दोस्त / कुमार अनिल
 - आग में आग डाल देते हैं / कुमार अनिल
 - हर शख़्स है लुटा- लुटा हर शय तबाह है / कुमार अनिल
 - सुरमई शाम का मंज़र होते, तो अच्छा होता / कुमार अनिल
 - / कुमार अनिल
 - / कुमार अनिल
 
	
	
