भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"भोपालःशोकगीत 1984 - मेरे शहर का नाम / राजेश जोशी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(New page: '''मेरे शहर का नाम'''<br><br> मैं नहीं चाहता<br> कि जब भी लूँ<br> मैं अपने शहर का नाम<br> ...) |
|||
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | + | {{KKGlobal}} | |
− | + | {{KKRachna | |
+ | |रचनाकार=राजेश जोशी | ||
+ | |संग्रह=मिट्टी का चेहरा / राजेश जोशी | ||
+ | }} | ||
मैं नहीं चाहता<br> | मैं नहीं चाहता<br> | ||
कि जब भी लूँ<br> | कि जब भी लूँ<br> |
23:37, 3 अक्टूबर 2008 के समय का अवतरण
मैं नहीं चाहता
कि जब भी लूँ
मैं अपने शहर का नाम
दूसरा पूछे
क्या हुआ था उस रात?
कैसे हुआ वह सब कुछ?
मुझे आज तक कोई नहीं मिला
जिसने कहा हो
मैं हिरोशिमा से आया हूँ
मैं आया हूँ नागासाकी से
क्या मुँह लेकर जाऊँ मैं
दूसरों के सामने?
किस मुँह से कहूँ
कि मैं आया हूँ
किस शहर से !