भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"थार-2 /मीठेश निर्मोही" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) |
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|संग्रह= | |संग्रह= | ||
}} | }} | ||
− | + | {{KKCatRajasthaniRachna}} | |
{{KKCatKavita}} | {{KKCatKavita}} | ||
− | <poem>धरती-आभै | + | <poem> |
+ | धरती-आभै | ||
जितरी लंठी | जितरी लंठी | ||
थारी | थारी | ||
− | कद- | + | कद-काठी। |
बावळ सरीसौ | बावळ सरीसौ | ||
थारो | थारो | ||
− | + | सांस। | |
समदर रै उनमांन | समदर रै उनमांन | ||
− | + | पसराव। | |
नीं थाकै | नीं थाकै | ||
नीम हारै | नीम हारै | ||
− | + | थूं। | |
वाह रे | वाह रे | ||
− | थळवट रा | + | थळवट रा उमराव। |
</poem> | </poem> |
11:02, 17 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण
धरती-आभै
जितरी लंठी
थारी
कद-काठी।
बावळ सरीसौ
थारो
सांस।
समदर रै उनमांन
पसराव।
नीं थाकै
नीम हारै
थूं।
वाह रे
थळवट रा उमराव।