'''{{KKGlobal}}{{KKLokRachna|रचनाकार: =अज्ञात '''}}{{KKCatRajasthaniRachna}}<poem>
एजी हाँसा म्हारी रुणक झुणक पायल बाजेसा
नैणा रा लोभी की कर आऊँसा .....
एजी हाँसा म्हारी सासू सूती ने नन्दल जागे सा
नैणा रा लोभी की कर आऊँसा ..... म्हारा बाई सा रा बीरा की कर आऊँसा ............
एजी हाँसा म्हारी रुणक झुणक पायल बाजेसा
नैणा रा लोभी की कर आऊँसा
ननदी रा बीरा की कर आऊँसा
बाई सा रा बीरा की कर आऊँसा
नैणा रा लोभी की कर आऊँसा ..... ननदी रा बीरा की कर आऊँसा ...... बाई सा रा बीरा की कर आऊँसा... एजी हाँसा म्हारी जेठानी सूती द्योरानी जागे सा.... नैणा रा लोभी की कर आऊँसा ..... भई सागर ढोला की कर आऊँसा...
एजी हाँसा म्हारी रुणक झुणक पायल बाजेसा
नैणा रा लोभी की कर आऊँसा ..... भई सागर ढोला की कर आऊँसा...
एजी हांसा म्हे तो आऊँ ने पाछी फिर फिर जाऊं सा
नैणा रा लोभी की कर आऊँसा .. कम दजिया राजा की कर आऊँसा.....
एजी हाँसा म्हारी रुणक झुणक पायल बाजेसा
नैणा रा लोभी की कर आऊँसा ..... कम दजिया राजा की कर आऊँसा.....
एजी हाँसा म्हारो नानो देवर उभो जांखे सा
पाड़ोसन झाला देवे म्हे कइयां आऊँसा
पाड़ोसन झाला देवे म्हे कइयां आऊँसा
एजी हाँसा म्हारी रुणक झुणक पायल बाजेसा
नैणा रा लोभी की कर आऊँसा ..... कम दजिया राजा की कर आऊँसा....</poem>