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"अकथ निबळा बोल / प्रमोद कुमार शर्मा" के अवतरणों में अंतर
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− | हे सुरतां ! | + | हे सुरतां! |
म्हारा अकथ निबळा बोल | म्हारा अकथ निबळा बोल | ||
कैवूं म्है किण सूं | कैवूं म्है किण सूं | ||
नीं सुझै कान | नीं सुझै कान | ||
− | मायड़ ! तूं तो आडौ खोल ! | + | मायड़! तूं तो आडौ खोल! |
काम अरथ रौ मुळ है | काम अरथ रौ मुळ है | ||
− | अरथ मूळ है मोख ! | + | अरथ मूळ है मोख! |
मोख मूळ है धरम रौ | मोख मूळ है धरम रौ | ||
− | धरम मूळ है तूं ! | + | धरम मूळ है तूं! |
बंध्यौड़ी कामधेनु | बंध्यौड़ी कामधेनु | ||
महलां री पिरौळ | महलां री पिरौळ | ||
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लाल चून्दड़ी वाळी म्हारै सुपनां री छियां | लाल चून्दड़ी वाळी म्हारै सुपनां री छियां | ||
कथूं म्है किण बिध | कथूं म्है किण बिध | ||
− | राज औ गै‘रौ ! | + | राज औ गै‘रौ! |
− | हे सुरतां ! | + | हे सुरतां! |
− | म्हारा अकथ निबळा बोल ! | + | म्हारा अकथ निबळा बोल! |
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13:30, 16 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण
हे सुरतां!
म्हारा अकथ निबळा बोल
कैवूं म्है किण सूं
नीं सुझै कान
मायड़! तूं तो आडौ खोल!
काम अरथ रौ मुळ है
अरथ मूळ है मोख!
मोख मूळ है धरम रौ
धरम मूळ है तूं!
बंध्यौड़ी कामधेनु
महलां री पिरौळ
बोल....!
लाल चून्दड़ी वाळी म्हारै सुपनां री छियां
कथूं म्है किण बिध
राज औ गै‘रौ!
हे सुरतां!
म्हारा अकथ निबळा बोल!