भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सदस्य:महावीर जोशी पूलासर" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
छो ()
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 7: पंक्ति 7:
 
बा ही तॊ तॆरॆ घर मॆ हॊवॆ,
 
बा ही तॊ तॆरॆ घर मॆ हॊवॆ,
  
तु भीत रै चिप्यॊरॊ इनै,  
+
तु भीत रै चिप्यॊडॊ इनै,
  
 
बॊ ही तॊ बिनॆ चिप्यॊडॊ खड्यॊ है,
 
बॊ ही तॊ बिनॆ चिप्यॊडॊ खड्यॊ है,

21:13, 24 फ़रवरी 2020 के समय का अवतरण

क्यु जी सोरो करै,

दुसरा गै घर री बाता सुण गै,

जकी बी घर मॆ हॊवण लागरी है

बा ही तॊ तॆरॆ घर मॆ हॊवॆ,

तु भीत रै चिप्यॊडॊ इनै,

बॊ ही तॊ बिनॆ चिप्यॊडॊ खड्यॊ है,

क्यु नी सॊचै तु कै ..भीता कै भी कान हॊवॆ,

आज तु सुणसी

काल बॊ तॆरी सुणसी,

क्यु सरमा मरै,

मॊरीयॊ पगा कानी दॆख गॆ रॊवै ,