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"हजमा धीरे-धीरे कैंची तोँ चलबिहें / मैथिली लोकगीत" के अवतरणों में अंतर

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<poem>हजमा धीरे-धीरे कैंची तोँ चलबिहें
 
<poem>हजमा धीरे-धीरे कैंची तोँ चलबिहें
 
बौआ नञि कनबिहें ना
 
बौआ नञि कनबिहें ना
देबौ भरि सूप चाउर, ओइमे पांच टका निछाउर
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देबौ सूप भरि चाउर, ओइमे पांच टका निछाउर
 
हजमा बाबा जी सँ गैया तोँ खोलबिहें
 
हजमा बाबा जी सँ गैया तोँ खोलबिहें
 
बौआ नञि कनबिहें ना
 
बौआ नञि कनबिहें ना
देबौ भरि सूप चाउर, ओइमे दस टका निछाउर
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देबौ सूप भरि चाउर, ओइमे दस टका निछाउर
 
हजमा नाना जीसँ महिंस तों खोलबिहें
 
हजमा नाना जीसँ महिंस तों खोलबिहें
 
बौआ नञि कनबिहें ना
 
बौआ नञि कनबिहें ना
देबौ भरि सूप चाउर, ओइमे बीस टका निछाउर
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देबौ सूप भरि चाउर, ओइमे बीस टका निछाउर
 
हजमा बाबूजी सँ घड़ी तो खोलबिहें
 
हजमा बाबूजी सँ घड़ी तो खोलबिहें
 
बौआ नञि कनबिहें ना
 
बौआ नञि कनबिहें ना
 
 
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14:25, 25 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हजमा धीरे-धीरे कैंची तोँ चलबिहें
बौआ नञि कनबिहें ना
देबौ सूप भरि चाउर, ओइमे पांच टका निछाउर
हजमा बाबा जी सँ गैया तोँ खोलबिहें
बौआ नञि कनबिहें ना
देबौ सूप भरि चाउर, ओइमे दस टका निछाउर
हजमा नाना जीसँ महिंस तों खोलबिहें
बौआ नञि कनबिहें ना
देबौ सूप भरि चाउर, ओइमे बीस टका निछाउर
हजमा बाबूजी सँ घड़ी तो खोलबिहें
बौआ नञि कनबिहें ना