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"सृजन का दर्द / कन्हैयालाल नंदन" के अवतरणों में अंतर

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अजब सी छटपटाहट,
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समझ लो
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साधना की अवधि पूरी है
  
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अरे घबरा न मन
 
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चुपचाप सहता जा
अजब सी छटपटाहट,<br>
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सृजन में दर्द का होना जरूरी है
घुटन,कसकन ,है असह पीङा<br>
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समझ लो<br>
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साधना की अवधि पूरी है<br><br>
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अरे घबरा न मन<br>
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चुपचाप सहता जा<br>
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सृजन में दर्द का होना जरूरी है<br><br>
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22:00, 30 जून 2013 के समय का अवतरण

अजब सी छटपटाहट,
घुटन,कसकन ,है असह पीङा
समझ लो
साधना की अवधि पूरी है

अरे घबरा न मन
चुपचाप सहता जा
सृजन में दर्द का होना जरूरी है