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"अवरित आई बसन्त बहारन / ईसुरी" के अवतरणों में अंतर

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16:30, 1 अप्रैल 2015 के समय का अवतरण

अवरित आई बसन्त बहारन
पान-फूल फल डारन।
बागन, बनन, बंगलन, बेलन
बीधन बगरं बजारन।
हारन और पहारन पारन,
घाम धवल जल धारन।
तपसी कुटिल कन्दरन खोरन।
गई बैराग बिगारन।
आए बौर मजीरन ऊपर
लगे भोंर गुजारन।
चहत अतीत, प्रीत प्यारे की।
हा हा करत हजारन।
ईसुर कन्त अन्त हैं जिनके
तिनें देत दुख दारून।