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"सलाम अलौक / शब्द प्रकाश / धरनीदास" के अवतरणों में अंतर
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− | + | आदि जो एक सो अन्तहुँ एक जपो कलिमाँ तिन एक गहो। | |
− | + | हिन्दु मलेछ वलेछ नहीं, कछु दोपट जो पलरायट हो॥ | |
− | + | धर्म इमान जमात सबै, गुरु पीर पुकारि 2 रहो। | |
− | धरनी | + | धरनी सबको समुझाइ कहै, भ! क्यों न ”सलाम-अलैक“ कहो॥12॥ |
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09:39, 21 जुलाई 2016 के समय का अवतरण
आदि जो एक सो अन्तहुँ एक जपो कलिमाँ तिन एक गहो।
हिन्दु मलेछ वलेछ नहीं, कछु दोपट जो पलरायट हो॥
धर्म इमान जमात सबै, गुरु पीर पुकारि 2 रहो।
धरनी सबको समुझाइ कहै, भ! क्यों न ”सलाम-अलैक“ कहो॥12॥