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"हक / अरुण कमल" के अवतरणों में अंतर

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मेरे घर से सटा सरसों का खेत यह
 
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लेकिन रोज़ रात मेरी कोठरी में
 
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आती है सरसों के फूलों की कौंधती गंध
 
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एक ही वार में काटती मुझे
 
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और रात भर मैं जगा रह जाता हूँ
 
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छोटी-सी कोठरी गंध-भीड़ भरी
 
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क्या थोड़ा भी हक़ नहीं मेरा इस खेत पर?
 
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मुझ को मिल गई है सारी सुगन्ध
 
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दाना ले जाए भले खेत का मालिक...
 
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थोड़ा भी हक़ नहीं?
 
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13:42, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

मेरे घर से सटा सरसों का खेत यह
मेरा नहीं

लेकिन रोज़ रात मेरी कोठरी में
आती है सरसों के फूलों की कौंधती गंध
एक ही वार में काटती मुझे

और रात भर मैं जगा रह जाता हूँ
छोटी-सी कोठरी गंध-भीड़ भरी

क्या थोड़ा भी हक़ नहीं मेरा इस खेत पर?

मुझ को मिल गई है सारी सुगन्ध
दाना ले जाए भले खेत का मालिक...

थोड़ा भी हक़ नहीं?