भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"प्राथर्ना मत कर, मत कर, मत कर / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 12: पंक्ति 12:
 
रहकर अविजित, अविचल प्रतिपल,
 
रहकर अविजित, अविचल प्रतिपल,
  
मनुज-पराजय के स्‍मारक है मठ, मस्जिद, गिरजाघर!
+
मनुज-पराजय के स्‍मारक हैं मठ, मस्जिद, गिरजाघर!
  
 
प्राथर्ना मत कर, मत कर, मत कर!
 
प्राथर्ना मत कर, मत कर, मत कर!
पंक्ति 28: पंक्ति 28:
 
झुकी हुई अभिमानी गर्दन,
 
झुकी हुई अभिमानी गर्दन,
  
बँधेहाथ, नत-निष्‍प्रभ लोचन
+
बँधे हाथ, नत-निष्‍प्रभ लोचन
  
 
यह मनुष्‍य का चित्र नहीं है, पशु का है, रे कायर!
 
यह मनुष्‍य का चित्र नहीं है, पशु का है, रे कायर!
  
 
प्राथर्ना मत कर, मत कर, मत कर!
 
प्राथर्ना मत कर, मत कर, मत कर!

20:51, 29 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण

प्राथर्ना मत कर, मत कर, मत कर!


युद्धक्षेत्र में दिखला भुजबल,

रहकर अविजित, अविचल प्रतिपल,

मनुज-पराजय के स्‍मारक हैं मठ, मस्जिद, गिरजाघर!

प्राथर्ना मत कर, मत कर, मत कर!


मिला नहीं जो स्‍वेद बहाकर,

निज लोहू से भीग-नहाकर,

वर्जित उसको, जिसे ध्‍यान है जग में कहलाए नर!

प्राथर्ना मत कर, मत कर, मत कर!


झुकी हुई अभिमानी गर्दन,

बँधे हाथ, नत-निष्‍प्रभ लोचन

यह मनुष्‍य का चित्र नहीं है, पशु का है, रे कायर!

प्राथर्ना मत कर, मत कर, मत कर!