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"बारिश के बाद / अवतार एनगिल" के अवतरणों में अंतर
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लगातार बारिश के बाद | लगातार बारिश के बाद |
18:51, 31 मार्च 2011 के समय का अवतरण
लगातार बारिश के बाद
तमतमाया हुआ बंदी सूरज
निकला बाहर
बादल और धुंध को
सुनहरी डोरियों में लपेटा,
बाँधा उसने
बनाया गट्ठर
और देखते-देखते
ढलान पर दिया लुढ़का
ठीक तभी
उस चित्रकार ने
खिल- खिल हँसते हुए
धूप की कूची को
देवदारुओं के रंग में डुबोया
और पोत दिया यहाँ-वहाँ
कुनमुनाए---
घर, गली ,द्वार
सजग हुए
घाटी के लोग
अभी-अभी खेलने निकल आए
बच्चों के चेहरों पर
झिलमिलाती है
जोगिया धूप की आभा।