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"क्या सच में वह वसंत था ! / आलोक श्रीवास्तव-२" के अवतरणों में अंतर

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वसंत मैंने तुम्हारी आंखों में देखा था  
 
वसंत मैंने तुम्हारी आंखों में देखा था  
 
बरसों से नहीं देखीं  
 
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क्या सच में  
 
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वह वसंत था?
 
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कहां से आया था वह  
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तुम्हारी आंखों में ?
 
तुम्हारी आंखों में ?
 
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18:53, 28 मार्च 2011 के समय का अवतरण

 
वसंत मैंने तुम्हारी आंखों में देखा था
बरसों से नहीं देखीं
तुम्हारी आंखें
देखा है -
बस एक उदास मौसम
जो सहमा-सा आता है
और
आहिस्ता से गुजर जाता है !

क्या सच में
वह वसंत था?
कहाँ से आया था वह
तुम्हारी आंखों में ?