"सड़के सड़के जान्दिये मुटिआरे नी / पंजाबी" के अवतरणों में अंतर
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− | सड़के सड़के जान्दिये मुटिआरे नी | + | (पु)-- सड़के सड़के जान्दिये मुटिआरे नी |
− | कंडा चुबा तेरे पैर बांकिये नारे नी | + | कंडा चुबा तेरे पैर बांकिये नारे नी । |
− | कौन | + | कौन कड्डे तेरा कांडड़ा मुटिआरे नी, |
− | + | कौन सहे तेरी पीड़ बांकिये नारे नी । | |
− | भाबो | + | (स)-- भाबो कड्डे मेरा कांडड़ा सिपाईया वे, |
− | वीर सहे मेरी | + | वीर सहे मेरी पीड़ मैं तेरी मेहरम नायों । |
− | + | (पु)-- खुअे ते पाणी भरेंदिये मुटिआरे नी, | |
− | पाणी दा | + | पाणी दा घुट पिआ, बांकिये नारे नी । |
− | अपना | + | (स)-- अपना भरया न दवां सिपाईया वे, |
− | लज्ज पई भर पी, | + | लज्ज पई भर पी,मैं तेरी मेहरम नायों । |
− | घड़ा तेरा जे भन्न देयां मुटियारे नी, | + | (पु)-- घड़ा तेरा जे भन्न देयां मुटियारे नी, |
− | लज्ज करां टोटे चार , बांकिये नारे नी | + | लज्ज<ref>रस्सी</ref> करां टोटे चार, बांकिये नारे नी । |
− | घड़ा भजे कुम्ह्यारां दा | + | (स)-- घड़ा भजे कुम्ह्यारां दा सिपाईया वे, |
− | लज्ज पट्टे दी डोर मैं तेरी मेहरम | + | लज्ज पट्टे दी डोर मैं तेरी मेहरम नायों । |
− | वड्डे वेले | + | |
− | आयियों शामां पा नी | + | |
− | + | (सस्स)-- वड्डे वेले दी टोरियें सुण नूअड़िये | |
− | + | आयियों शामां पा नी भोलीए नूअड़िये । | |
− | ओ तां मेरा पुत्त लग्गे सुण | + | (स)-- उच्चा लम्मा गाबरू सुण सस्सोड़िये, |
− | तेरा लागदा ए | + | बैठा झगड़ा पा नी भोलिए सस्सोड़िये । |
− | भर कटोरा दुधे दा नी सुण | + | (सस्स)-- ओ तां मेरा पुत्त लग्गे सुण नूअड़िये |
− | जाके | + | तेरा लागदा ए खौंद<ref>पति</ref> नी भोलीए नूअड़िये<ref>(प्यारी)बहू</ref> । |
− | तेरा आंदा मैं न पियाँ मुटिआरे नी, | + | भर कटोरा दुधे दा नी सुण नूअड़िये, |
− | + | जाके खौंद मना नी भोलीए नूअड़िये । | |
− | निक्की हुन्दी नू छड्ड गया | + | |
− | हुण होइयां मुटिआर मैं ता तेरी मेहरम | + | |
− | सौ गुनाह | + | (पु)-- तेरा आंदा मैं न पियाँ मुटिआरे नी, |
− | इक बख्शेंगा तू, मैं | + | खुई वाली गल सुणा नी बांकिये नारे नी ओ । |
+ | (स)-- निक्की हुन्दी नू छड्ड गया सिपाईया वे, | ||
+ | हुण होइयां मुटिआर मैं ता तेरी मेहरम होई । | ||
+ | सौ गुनाह मैनूं रब बख्शे सिपाईया वे, | ||
+ | इक बख्शेंगा तू, मैं तेरी मेहरम<ref>प्रेमिका</ref> होई । | ||
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02:08, 16 मार्च 2010 के समय का अवतरण
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(पु)-- सड़के सड़के जान्दिये मुटिआरे नी
कंडा चुबा तेरे पैर बांकिये नारे नी ।
कौन कड्डे तेरा कांडड़ा मुटिआरे नी,
कौन सहे तेरी पीड़ बांकिये नारे नी ।
(स)-- भाबो कड्डे मेरा कांडड़ा सिपाईया वे,
वीर सहे मेरी पीड़ मैं तेरी मेहरम नायों ।
(पु)-- खुअे ते पाणी भरेंदिये मुटिआरे नी,
पाणी दा घुट पिआ, बांकिये नारे नी ।
(स)-- अपना भरया न दवां सिपाईया वे,
लज्ज पई भर पी,मैं तेरी मेहरम नायों ।
(पु)-- घड़ा तेरा जे भन्न देयां मुटियारे नी,
लज्ज<ref>रस्सी</ref> करां टोटे चार, बांकिये नारे नी ।
(स)-- घड़ा भजे कुम्ह्यारां दा सिपाईया वे,
लज्ज पट्टे दी डोर मैं तेरी मेहरम नायों ।
(सस्स)-- वड्डे वेले दी टोरियें सुण नूअड़िये
आयियों शामां पा नी भोलीए नूअड़िये ।
(स)-- उच्चा लम्मा गाबरू सुण सस्सोड़िये,
बैठा झगड़ा पा नी भोलिए सस्सोड़िये ।
(सस्स)-- ओ तां मेरा पुत्त लग्गे सुण नूअड़िये
तेरा लागदा ए खौंद<ref>पति</ref> नी भोलीए नूअड़िये<ref>(प्यारी)बहू</ref> ।
भर कटोरा दुधे दा नी सुण नूअड़िये,
जाके खौंद मना नी भोलीए नूअड़िये ।
(पु)-- तेरा आंदा मैं न पियाँ मुटिआरे नी,
खुई वाली गल सुणा नी बांकिये नारे नी ओ ।
(स)-- निक्की हुन्दी नू छड्ड गया सिपाईया वे,
हुण होइयां मुटिआर मैं ता तेरी मेहरम होई ।
सौ गुनाह मैनूं रब बख्शे सिपाईया वे,
इक बख्शेंगा तू, मैं तेरी मेहरम<ref>प्रेमिका</ref> होई ।