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"मधुराष्टकं / मृदुल कीर्ति" के अवतरणों में अंतर

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'''श्री श्री वल्लभाचार्य द्वारा विरचित'''
 
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अधरं मधुरं वदनं मधुरं, नयनं मधुरं हसितं मधुरं।
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हृदयं मधुरं गमनं मधुरं, मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥१॥
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अधर, वदन नयना अति मधुरा, स्मित मधुर, हृदय अति मधुरा
 
अधर, वदन नयना अति मधुरा, स्मित मधुर, हृदय अति मधुरा
 
चाल मधुर,  सब कुछ मधु मधुरा,  हे मधुराधिपते!  मधु मधुरा
 
चाल मधुर,  सब कुछ मधु मधुरा,  हे मधुराधिपते!  मधु मधुरा
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वचनं मधुरं चरितं मधुरं, वसनं मधुरं वलितं मधुरं ।
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चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं, मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥२॥
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चरित मधुर, वचनं अति मधुरा,  भेष मधुर,  वलितं अति मधुरा
 
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चाल मधुर अति,  भ्रमण भी मधुरा,  हे मधुराधिपते!  मधु मधुरा
 
चाल मधुर अति,  भ्रमण भी मधुरा,  हे मधुराधिपते!  मधु मधुरा
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वेणुर्मधुरो रेनुर्मधुरः, पाणिर्मधुरः पादौ मधुरौ ।
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नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं, मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥३॥
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मधुरं वेणु ,  चरण रज मधुरा, पाद पाणि दोनों अति मधुरा
 
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मित्र  मधुर मधु,  नृत्यं मधुरा,    हे मधुराधिपते!  मधु मधुरा
 
मित्र  मधुर मधु,  नृत्यं मधुरा,    हे मधुराधिपते!  मधु मधुरा
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गीतं मधुरं पीतं मधुरं, भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरं ।
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रूपं मधुरं तिलकं मधुरं, मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥४॥
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गायन मधुर,  पीताम्बर मधुरा,  भोजन मधुरम,  शयनं मधुरा
 
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रूप मधुरतम,  तिलकं मधुरा,  हे मधुराधिपते!  मधु  मधुरा
 
रूप मधुरतम,  तिलकं मधुरा,  हे मधुराधिपते!  मधु  मधुरा
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करणं मधुरं तरणं मधुरं, हरणं मधुरं रमणं मधुरं ।
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वमितं मधुरं शमितं मधुरं, मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥५॥
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करम मधुरतम, तारण मधुरा,  हरण, रमण दोनों अति मधुरा
 
करम मधुरतम, तारण मधुरा,  हरण, रमण दोनों अति मधुरा
 
परम शक्तिमय मधुरम मधुरा,  हे मधुराधिपते!  मधु मधुरा
 
परम शक्तिमय मधुरम मधुरा,  हे मधुराधिपते!  मधु मधुरा
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गुंजा मधुरा माला मधुरा, यमुना मधुरा वीचीर्मधुरा ।
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सलिलं मधुरं कमलं मधुरं, मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥६॥
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कुसुम माल, गुंजा अति मधुरा,  यमुना मधुरा,  लहरें मधुरा
 
कुसुम माल, गुंजा अति मधुरा,  यमुना मधुरा,  लहरें मधुरा
 
यमुना जल,  जल कमल भी मधुरा,  हे मधुराधिपते!  मधु मधुरा
 
यमुना जल,  जल कमल भी मधुरा,  हे मधुराधिपते!  मधु मधुरा
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गोपी मधुरा लीला मधुरा, युक्तं मधुरं मुक्तं मधुरं।
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दृष्टं मधुरं सृष्टं मधुरं, मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥७॥
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मधुर गोपियाँ,  लीला मधुरा,  मिलन मधुर भोजन अति मधुरा
 
मधुर गोपियाँ,  लीला मधुरा,  मिलन मधुर भोजन अति मधुरा
 
हर्ष मधुरतम,  शिष्टं मधुरा,    हे मधुराधिपते!  मधु मधुरा
 
हर्ष मधुरतम,  शिष्टं मधुरा,    हे मधुराधिपते!  मधु मधुरा
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गोपा मधुरा गावो मधुरा, यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा ।
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दलितं मधुरं फलितं मधुरं, मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥८॥
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ग्वाले मधुरम, गायें मधुरा,  अंकुश मधुरम,  सृष्टिम  मधुरा
 
ग्वाले मधुरम, गायें मधुरा,  अंकुश मधुरम,  सृष्टिम  मधुरा
 
दलितं मधुरा, फलितं मधुरा,  हे मधुराधिपते!  मधु मधुरा
 
दलितं मधुरा, फलितं मधुरा,  हे मधुराधिपते!  मधु मधुरा
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21:37, 25 अगस्त 2020 के समय का अवतरण


मधुराष्टकं
श्री श्री वल्लभाचार्य द्वारा विरचित

अधरं मधुरं वदनं मधुरं, नयनं मधुरं हसितं मधुरं।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं, मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥१॥



अधर, वदन नयना अति मधुरा, स्मित मधुर, हृदय अति मधुरा
चाल मधुर, सब कुछ मधु मधुरा, हे मधुराधिपते! मधु मधुरा



वचनं मधुरं चरितं मधुरं, वसनं मधुरं वलितं मधुरं ।
चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं, मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥२॥



चरित मधुर, वचनं अति मधुरा, भेष मधुर, वलितं अति मधुरा
चाल मधुर अति, भ्रमण भी मधुरा, हे मधुराधिपते! मधु मधुरा



वेणुर्मधुरो रेनुर्मधुरः, पाणिर्मधुरः पादौ मधुरौ ।
नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं, मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥३॥



मधुरं वेणु , चरण रज मधुरा, पाद पाणि दोनों अति मधुरा
मित्र मधुर मधु, नृत्यं मधुरा, हे मधुराधिपते! मधु मधुरा



गीतं मधुरं पीतं मधुरं, भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरं ।
रूपं मधुरं तिलकं मधुरं, मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥४॥



गायन मधुर, पीताम्बर मधुरा, भोजन मधुरम, शयनं मधुरा
रूप मधुरतम, तिलकं मधुरा, हे मधुराधिपते! मधु मधुरा



करणं मधुरं तरणं मधुरं, हरणं मधुरं रमणं मधुरं ।
वमितं मधुरं शमितं मधुरं, मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥५॥



करम मधुरतम, तारण मधुरा, हरण, रमण दोनों अति मधुरा
परम शक्तिमय मधुरम मधुरा, हे मधुराधिपते! मधु मधुरा



गुंजा मधुरा माला मधुरा, यमुना मधुरा वीचीर्मधुरा ।
सलिलं मधुरं कमलं मधुरं, मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥६॥



कुसुम माल, गुंजा अति मधुरा, यमुना मधुरा, लहरें मधुरा
यमुना जल, जल कमल भी मधुरा, हे मधुराधिपते! मधु मधुरा



गोपी मधुरा लीला मधुरा, युक्तं मधुरं मुक्तं मधुरं।
दृष्टं मधुरं सृष्टं मधुरं, मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥७॥



मधुर गोपियाँ, लीला मधुरा, मिलन मधुर भोजन अति मधुरा
हर्ष मधुरतम, शिष्टं मधुरा, हे मधुराधिपते! मधु मधुरा



गोपा मधुरा गावो मधुरा, यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा ।
दलितं मधुरं फलितं मधुरं, मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥८॥



ग्वाले मधुरम, गायें मधुरा, अंकुश मधुरम, सृष्टिम मधुरा
दलितं मधुरा, फलितं मधुरा, हे मधुराधिपते! मधु मधुरा