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"जन्म-दिन के दिन / रवीन्द्र दास" के अवतरणों में अंतर

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मैं अपने जन्म-दिन के दिन सोचता हूँ  
 
मैं अपने जन्म-दिन के दिन सोचता हूँ  
 
 
कि कोई अपने जन्म-दिन पर खुश कैसे हो पाता है ?  
 
कि कोई अपने जन्म-दिन पर खुश कैसे हो पाता है ?  
 
 
मैं अपने जन्म-दिन के दिन  
 
मैं अपने जन्म-दिन के दिन  
 
 
खुश होने की कोशिश करना भूल जाता हूँ।  
 
खुश होने की कोशिश करना भूल जाता हूँ।  
 
 
फिर भी मैं सोचता हूँ  
 
फिर भी मैं सोचता हूँ  
 
 
कि किसी के जन्म-दिन, मसलन , गाँधी या ईसा के जन्मदिन पर  
 
कि किसी के जन्म-दिन, मसलन , गाँधी या ईसा के जन्मदिन पर  
 
 
छुट्टी क्यों होती है?  
 
छुट्टी क्यों होती है?  
 
 
किसकी और किससे होती है ?  
 
किसकी और किससे होती है ?  
 
 
और सोचता हूँ  
 
और सोचता हूँ  
 
 
कि जन्म लेना ख़ुशी की बात है या दुःख की बात !  
 
कि जन्म लेना ख़ुशी की बात है या दुःख की बात !  
 
 
हालाँकि यह सोचना अच्छानहीं लगता  
 
हालाँकि यह सोचना अच्छानहीं लगता  
 
 
फिर भी सोचता हूँ कि  
 
फिर भी सोचता हूँ कि  
 
 
जन्म लिया जाता है  
 
जन्म लिया जाता है  
 
 
या जन्म दिया जाता है ?  
 
या जन्म दिया जाता है ?  
 
 
साथ में मैं यह भी सोचता हूँ  
 
साथ में मैं यह भी सोचता हूँ  
 
 
कि जन्म लेना ख़ुशी की बात है  
 
कि जन्म लेना ख़ुशी की बात है  
 
 
या जन्म दिन मनाना ख़ुशी की बात ।  
 
या जन्म दिन मनाना ख़ुशी की बात ।  
 
 
सच बताऊँ तो मैं सोचता नहीं  
 
सच बताऊँ तो मैं सोचता नहीं  
 
 
बस जानना चाहता हूँ  
 
बस जानना चाहता हूँ  
 
 
कि ख़ुशी का कोई कारण होता है  
 
कि ख़ुशी का कोई कारण होता है  
 
 
या यहाँ भी सिर्फ मनमानी है।
 
या यहाँ भी सिर्फ मनमानी है।
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09:45, 20 अप्रैल 2010 के समय का अवतरण

मैं अपने जन्म-दिन के दिन सोचता हूँ
कि कोई अपने जन्म-दिन पर खुश कैसे हो पाता है ?
मैं अपने जन्म-दिन के दिन
खुश होने की कोशिश करना भूल जाता हूँ।
फिर भी मैं सोचता हूँ
कि किसी के जन्म-दिन, मसलन , गाँधी या ईसा के जन्मदिन पर
छुट्टी क्यों होती है?
किसकी और किससे होती है ?
और सोचता हूँ
कि जन्म लेना ख़ुशी की बात है या दुःख की बात !
हालाँकि यह सोचना अच्छानहीं लगता
फिर भी सोचता हूँ कि
जन्म लिया जाता है
या जन्म दिया जाता है ?
साथ में मैं यह भी सोचता हूँ
कि जन्म लेना ख़ुशी की बात है
या जन्म दिन मनाना ख़ुशी की बात ।
सच बताऊँ तो मैं सोचता नहीं
बस जानना चाहता हूँ
कि ख़ुशी का कोई कारण होता है
या यहाँ भी सिर्फ मनमानी है।