भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"चौपाल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(प्रकाशित रचना सामने रखकर सम्पादन करें)
 
(37 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 173 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
[[Category:कविता कोश]]
 
[[Category:कविता कोश]]
<span style="font-size:11px">'''इस पन्ने के माध्यम से आप कविता कोश से संबंधित किसी भी बात पर सभी के साथ वार्ता कर सकते हैं।'''<br>'''कृपया इस पन्ने पर से कुछ भी मिटायें नहीं। आप जो भी बात जोड़ना चाहते हैं उसे नीचे दिये गये उचित विषय के सैक्शन में जोड़ दें। अपनी बात यहाँ जोडने के लिये इस पन्ने के ऊपर दिये गये "Edit" लिंक पर क्लिक करें'''</span>
+
<span style="font-size:11px">'''इस पन्ने के माध्यम से आप कविता कोश से संबंधित किसी भी बात पर सभी के साथ वार्ता कर सकते हैं। कृपया इस पन्ने पर से कुछ भी मिटायें नहीं। आप जो भी बात जोड़ना चाहते हैं उसे नीचे दिये गये उचित विषय के सैक्शन में जोड़ दें या नया सैक्शन बना लें। अपनी बात यहाँ जोडने के लिये इस पन्ने के ऊपर दिये गये "Edit this page" लिंक पर क्लिक करें'''</span>
 +
{{KKChaupaalNavigation}}
 
<hr width=100%>
 
<hr width=100%>
  
== कविता कोश का नया लोगो ==
+
<!-- ***** कृपया इस पंक्ति से ऊपर की ओर कोई बदलाव न करें। आप जो भी लिखना चाहते हैं -इस पंक्ति से नीचे लिखें। ***** -->
कविता कोश का वर्तमान लोगो बहुत जल्दी में केवल शुरुआत में काम चलाने के लिये पूर्णिमा वर्मन जी द्वारा बनाया गया था। अब चूंकि कविता कोश एक सुस्थापित और लोकप्रिय स्रोत बन चुका है तो समय आ गया है कि कोश के लिये सोच समझ कर एक नया, बेहतर और अर्थपूर्ण लोगो बनाया जाए।
+
==जितेंद्र कुमार का नाम कोश में शामिल कीजिए।==
  
जैसा कि आप जानते हैं कि कविता कोश हिन्दी काव्य का एक विशाल और (विकिपीडिया की तरह) खुला कोश है। आप सभी से निवेदन है कि आप इस बारे में अपने विचार प्रकट करें कि कविता कोश का नया लोगो कैसा होना चाहिये -उसका आकार क्या हो, रंग क्या हो, उसमें क्या लिखा जाए, लोगो में यदि कोई डिजाइन प्रयोग किया जाए तो वो क्या हो।
+
इन के बारे में [http://www.oneindia.com/2006/10/09/parents-salute-martyr-son-through-poems-and-pottery-1160372202.html इधर] पढ़िए। आपको जँचे तो इनका नाम शामिल कीजिए। वैसे इनकी किताबों में इन्होंने अपने नाम के आगे शर्मा नहीं लिखा है।
  
'''आकार:''' लोगो वृत्ताकार हो या चौकोर हो या किसी और आकार का हो?<br><br>
+
—[[सदस्य:Sumitkumar|सुमितकुमार ओम कटारिया]] ([[सदस्य वार्ता:Sumitkumar|वार्ता]]) 15:50, 1 जून 2016 (CDT)
'''रंग:''' कोई विशेष रंग जो कविता कोश जैसे स्रोत के लोगो के लिये उपयुक्त हो?<br><br>
+
----
'''शब्द:''' लोगो में क्या लिखा जाए? लोगो में “कविता कोश” लिखना तो तार्किक लगता ही है -लेकिन इसके अलावा कुछ और?<br><br>
+
==सक्रिय योगदानकर्ताओं से==
'''डिज़ाइन:''' कविता, हिन्दी, कोश, खुलापन… इन सभी शब्दों के आधार पर किस डिज़ाइन या चित्र को लोगो का हिस्सा बनाना चाहिये?<br><br>
+
कविता कोश के सभी सक्रिय सदस्यों को मेरा नमस्कार! आशा है आप सभी स्वस्थ और सानंद होंगे। कविता कोश तेज़ी से प्रगति कर रहा है यह बहुत खुशी की बात है। इस प्रगति में आप सभी का योगदान सम्मिलित है। अब समय आ गया कि हम कोश की गुणवत्ता की ओर भी ध्यान दें। हमें केवल इस कोश में अधिकाधिक पन्नें नहीं बनाने हैं बल्कि परफ़ेक्ट पन्नें बनाने हैं। आप सभी सक्रिय सदस्य लम्बें समय से सक्रिय हैं अत: आपको अपने अनुभव का प्रयोग करते हुए परफ़ेक्ट पन्नें बनाने चाहिएँ।
  
यदि आप स्वयं ग्राफ़िक डिजाइनर हैं तो आप अपनी कल्पना से एक लोगो बना कर कविता कोश की चौपाल में सभी लोगो के विचार हेतु पोस्ट कर सकते हैं। आपके प्रयास और योगदान को कोश में उचित रूप से सूचिबद्ध किया जाएगा।
+
'''[[सफ़र हो शाह का या क़ाफ़िला फ़क़ीरों का / अतुल अजनबी]]''' जैसे बने पन्नें कोश में स्वीकार्य नहीं हैं। इस ग़ज़ल में शे’रों के बीच दिए गए डॉट्स को हम कोश में कहीं भी प्रयोग नहीं करते। हमें इस तरह का कॉपी-पेस्ट-कार्य से आगे बढ़कर परफ़ेक्ट पन्नें बनानें होंगे। ऐसे पन्नें को बनाने का कोई बहुत अधिक फ़ायदा नहीं है जिसे अन्य लोगों को सुधारना पड़े। हम सभी के पास समय की कमी है –अत: हमें चाहिए कि चाहे हम कम पन्नें बनाएँ –लेकिन परफ़ेक्ट पन्नें बनाएँ।
  
लेकिन यदि आप ग्राफ़िक्स डिज़ाइनर नहीं भी हैं तो भी डिज़ाइनर्स की मदद के लिये लोगो के बारे में केवल आपके विचार ही प्रकट करें तो यह बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा।
+
'''[[कविता कोश के मानक]]''' पन्नें पर दी गई बातों का हर पन्नें पर अक्षरश: पालन करने से भी हम कोश के मानकीकरण की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे। कोश में सभी पन्नों पर जितनी अधिक हो सके उतनी अधिक समानता बहुत ज़रूरी है। अगर हम मानक गलत बनाते हैं लेकिन उस मानक का अक्षरश: पालन करते हैं तो बाद में ग़लती समझ आने पर सब कुछ सुधारना अपेक्षाकृत आसान होता है। इसके उलट अगर हम विभिन्न पन्नों पर मन-माफ़िक काम करेंगे और हर पन्नें पर अलग ही किस्म की ग़लतियाँ नज़र आएंगी तो हमें इन ग़लतियों को सुधारने में बहुत अधिक समय नष्ट करना पड़ेगा।
  
अपने विचार नीचे जोडिये।
+
कॉपी-पेस्ट आसान काम है –लेकिन कविता कोश के अनुभवी योगदानकर्ताओं से अपेक्षा होती है कि वे आंख बंद करके कॉपी-पेस्ट ना करें।
  
""""""""""""""""""""""""""""""""
+
कोश में नई टेम्प्लेट बनाने से पहले हमें बहुत कुछ सोचना होता है। नई टेम्प्लेट या तो ना बनाए –या फिर बनाने से पहले मुझसे उसके बारे में चर्चा कर लें।
  
:: मेरे विचार में लोगो को वृत्ताकार होना चाहिये, उसमें "कविता कोश" लिखा जाना चाहिये। बरगद का एक वृक्ष या पंख वाली एक कलम भी डिजाइन का हिस्सा हो सकती है। लोगो का background रंग सफ़ेद होना चाहिये। '''--[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] १३:२४, २८ अप्रैल २००७ (UTC)'''
+
कविता कोश में आप सभी योगदान सराहनीय है और एक-समान भाव से सम्मान का पात्र है। कोश में सबसे अधिक पन्नें बनाने या अधिक बदलाव करने की प्रतियोगिता में ना पड़ें। इसके बजाए परफ़ेक्ट पन्नें बनाने की ओर ध्यान दें और कोश में पहले से मौजूद ग़लतियों को सुधारने की ओर ध्यान दें।
  
 +
लालित्य इंटरनेशनल के ज़रिए प्राप्त हुई धनराशी की मदद से कविता कोश को एक बेहतर सर्वर पर स्थानांतरित किया जा चुका है। वेबसाइट के कोड में भी मैंने बहुत-से बदलाव किए हैं। इस सबके चलते वेबसाइट पहले के मुकाबिले बेहतर हुई है लेकिन अभी भी कई समस्याएँ आड़े आ जाती हैं। मेरी कोशिश रहती है कि कविता कोश लगातार पाठकों को उपलब्ध रहे।
  
 +
मैं लालित्य इंटरनेशनल के ज़रिए कविता कोश हेतु धन-जुटाने की कोशिश में व्यस्त हूँ। अनुभव से समझ आया है कि यह अपने आप में एक मुश्किल और बड़ा काम है। बहरहाल, धन उपलब्ध होते ही 500 से अधिक पृष्ठों का निर्माण करने वाले सभी योगदानकर्ताओं को उनके कार्य के अनुपात में आर्थिक मानदेय अर्पित किया जाएगा। उम्मीद है कि इससे योगदानकर्ताओं को निजी जीवन में सहायता मिलेगी।
  
==त्रिलोचन शास्त्री==
+
कविता कोश को अब परफ़ेक्शन की ज़रूरत है। पन्नें बनाते समय कृपया इसका पूरा ध्यान रखें। पन्नों को बनाने के नियमों और मानकों का पालन नहीं करने पर मजबूरन योगदानकर्ता के अधिकारों को सीमित करना पड़ सकता है। ग़लती करें लेकिन ग़लती को दोहराएँ नहीं। ग़लती करके सीखना हम सभी के लिए बहुत ज़रूरी है।
प्रिय ललित जी,
+
मैं हेमेन्द्र जी की बात से शत-प्रतिशत सहमत हूं कि त्रिलोचन जी का नाम "कविता कोश" में केवल "त्रिलोचन" लिखा जाना चाहिये क्योंकि उन्होंने कभी अपने नाम के साथ "शास्त्री"  नहीं लगाया । यह एक उपाधि है ।  त्रिलोचन जी ने हमेशा "त्रिलोचन" के ही नाम से कविता लिखी है।
+
[[सदस्य : Anil janvijay | Anil janvijay]]
+
  
::आदरणीय अनिल जी, मार्गदर्शन के लिये आपका और हेमेन्द्र जी का धन्यवाद। कविता कोश में त्रिलोचन शास्त्री जी का नाम अब केवल "त्रिलोचन" ही लिखा जाएगा। --[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] ०८:१२, २१ मई २००७ (UTC)
+
आप सभी के लिए मंगलकामना सहित
  
-------------------
+
आपका ही
  
प्रिय ललित जी,
+
--[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] ([[सदस्य वार्ता:Lalit Kumar|वार्ता]]) 12:09, 23 जुलाई 2012 (IST)
महादेवी जी क पन्ना मैंने देख लिया है । हम नागार्जुन, त्रिलोचन, शमशेर, केदार, अशोक वाजपेयी आदि बहुत से कवियों के पन्ने ऎसे ही तैयार कर सकते हैं । मेरे पास कबीर से लेकर आज के एकदम नए कवियों जैसे निर्मला पुतुल, सुंदर चंद ठाकुर, संजय कुंदन, रविन्द्र स्वप्निल प्रजापति तक ढेरों कवियों के एक हज़ार से ऊपर कविता-संग्रह हैं । कहना चाहिए कि हिन्दी कविता का पूरा इतिहास ही मेरे पास सुरक्षित है । नागार्जुन के कविता-संग्रहों के नाम से आप पन्ने बनाइये, यही अच्छा रहेगा ।
+
 
+
ललित जी, क्या आप कवियों की सूची में कवि शैलेन्द्र  और कवि केदारनाथ सिंह का नाम जोड़ सकते हैं । शैलेन्द्र का सिर्फ़ एक ही कविता-संग्रह अब तक छपा है । उसमें से कुछ दुर्लभ कवितायें मेरे पास हैं । मैं चाहता हूं कि कविता-कोश के पाठक भी उनसे रूबरू हों
+
+
हार्दिक मंगलकामनाओं के साथ
+
सादर
+
जनविजय
+
  
:::आदरणीय अनिल जी, शैलेन्द्र और केदार नाथ सिंह के नाम जल्द ही कविता कोश में जोडे जाएँगे। आप विभिन्न कवियों के जिन जिन काव्य संग्रहों से रचनाएँ कोश में जोड सकते हैं -उनके नाम मुझे बता दीजीये -उन सभी संग्रहों के पन्ने कोश में बना लिये जाएँगे। नागार्जुन और त्रिलोचन के जिन संग्रहों से रचनाएँ जोड़ना आपने आरम्भ कर दिया है -उनके पन्ने मैं अभी बना रहा हूँ। यह महादेवी वर्मा जी का जन्मशती वर्ष है। हमें उनके काव्य संग्रहों को कोश तक लाने का विशेष प्रयास करना चाहिये। इसके अलावा क्या आप धर्मवीर भारती की "कनुप्रिया" के सारे सर्गों की सिलसिलेवार सूची उपलब्ध करा सकते हैं? '''--[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] १९:०८, २२ मई २००७ (UTC)'''
+
==मानकीकरण पृष्ठ पर समस्या==
  
प्रिय ललित जी,
+
आदरणीय महोदय
"कनुप्रिया" मैं आज सवेरे से ही ढूंढ रहा हूं । मिल ही नहीं रही । जाने कहां रख दी है । अभी तीन-चार महीने पहले
+
ही तो देखी थी । जैसे ही किताब मिल जायेगी, मैं आपको लिखूंगा ।
+
सादर, जनविजय
+
  
:::आदरणीय अनिल जी, "केदार नाथ सिंह" लिखा जाना चाहिये या "केदारनाथ सिंह"? दोनो कवियों के नाम सूची में जोड़ दिये गये हैं। इसके अलावा नागार्जुन के काव्य संग्रह "खिचडी़ पल्ल्व देखा हमने" का पन्ना बना दिया गया है। और संग्रहों के नाम आप बता दीजीयेगा। कनुप्रिया के सर्गों की सूची की प्रतीक्षा रहेगी। सादर '''--[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] १९:४३, २२ मई २००७ (UTC)'''
+
कविताकोश के मानकीकरण पृष्ठ पर 'सितंबर' माह हेतु मानक शब्द 'सितम्बर' अंकित है जबकि किसी भी लेखक की जन्मतिथि  सितम्बर  लिखने पर बिना बने पन्ने के अनुरूप लाल रंग से चमकता है जबकि सितंबर लिखने पर वह बने पन्ने के अनुरूप नीले रंग का बना दिखता है [[अतुल अजनबी]] का पन्ना बनाने में यह समस्या प्रकट हुयी है कृपया इस ओर ध्यान देकर  इसे सही करने का कष्ट करें।
  
 
+
--[[सदस्य:Dr. ashok shukla|अशोक कुमार शुक्ला]] ([[सदस्य वार्ता:Dr. ashok shukla|वार्ता]]) 13:02, 24 जुलाई 2012 (IST)
==रचनाएँ जोड़ने के तरीके में बदलाव==
+
 
+
कविता कोश में रचनाएँ जोड़ने के तरीके में एक छोटा सा परन्तु बहुत महत्वपूर्ण परिवर्तन किया गया है। रचनाएँ मोटे तौर वैसे ही जोड़ी जाएँगी जैसे पहले जोड़ी जाती थी -अब बस आपको रचना जोडते <u>समय सबसे पहली पंक्ति में</u> <font size=4><nowiki>{{KKGlobal}}</nowiki></font> लिखना है। और उसके बाद सब वैसे ही जैसे आप अभी तक करते आये हैं।
+
 
+
यदि आप पहले से मौजूद किसी ऐसी रचना में बदलाव कर रहे हैं जिसकी पहली पंक्ति में <font size=4><nowiki>{{KKGlobal}}</nowiki></font> नहीं लिखा है -तो भी आप अपना बदलाव करने के साथ-साथ उस रचना की <u>सबसे पहली पंक्ति में</u> <font size=4><nowiki>{{KKGlobal}}</nowiki></font> जोड़ दें। कविता कोश में रचनाएँ कैसे जोडी़ जाती हैं इसके बारे में विस्तार से जानने के लिये देखें: [[कविता कोश में योगदान कैसे करें]]
+
 
+
 
+
== काव्य संग्रह के पन्ने ==
+
आदरणीय अनिल जी, रचनाएँ जोड़ते समय आप स्वयं भी काव्य संग्रहों के पन्ने बना सकते हैं। उदाहरण के लिये यदि "जलज माथुर" (एक काल्पनिक कवि) के एक काव्य संग्रह "ज़िन्दगी" से आप कुछ कविताएँ कोश में जोड़ने जा रहे हैं -तो जलज माथुर की रचनाओं की सूची के पन्ने पर उन कविताओं के लिंक बनाने की बजाये काव्य संग्रह का एक लिंक बना दीजीये (यानी "ज़िन्दगी / जलज माथुर")। फिर आप इस संग्रह की जिन कविताओं को कोश में जोड़ना चाह रहे हैं -उनके लिंक "ज़िन्दगी / जलज माथुर" नामक पन्ने पर बनाये। काव्य संग्रह की टैम्पलेट KKPustak अगर आप लगा सकते हैं तो ठीक है वरना उसे मेरे लिये छोड़ दीजीये -उसे मैं संभाल लूँगा। आप कोश में बहुत ही सुन्दर और बहुमूल्य योगदान कर रहे हैं! सादर, ललित '''--[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] ११:५२, २३ मई २००७ (UTC)'''
+
 
+
::प्रिय ललित जी, काव्य संग्रह के नाम से पन्ने बनाने का विचार बहुत अच्छा है। इससे शोधार्थियों को सुविधा रहेगी। कुछ पन्ने खुल भी गए हैं, आपकी तत्परता देख कर खुशी होती है। शुभकामनाओं सहित, हेमेन्द्र कुमार राय, 23 मई 2007
+
 
+
प्रिय ललित जी, सबसे पहले तो हिन्दी में जहां लोगिन कीजिए लिखा है वहां कीजिए गलत लिखा है। इसे कृपया ठीक कर दें। 'कीजीये' को 'कीजिये' बना दें। केदारनाथ एक शब्द है। इसे जोड़ दें। 'कनुप्रिया' मिलते ही मैं आपको सूचित करूंगा। मैं कविता-संग्रहों के नाम के आधार पर पन्ने बनाने का प्रयास करूंगा। परन्तु मुझे कम्प्यूटर के प्रयोग का बहुत अभ्यास नहीं है, अत: यदि मैं कोई काम ढंग से नहीं कर पाऊं, तो कृपया नाराज़ न हों । सादर, जनविजय
+
 
+
::आदरणीय हेमेन्द्र जी, कोश की प्रगति के लिये आप जैसे योगदानकर्ता ही बधाई के पात्र हैं। आपको काव्य संग्रहों के अलग पन्ने बनाने का विचार अच्छा लगा -इसकी मुझे प्रसन्नता है। सादर -ललित। '''--[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] २२:०३, २३ मई २००७ (UTC)'''
+
 
+
आदरणीय अनिल जी, आप मेरे नाराज़ होने और आपके क्षमा माँगने जैसी बात करके मुझे अत्यधिक शर्मिन्दा कर रहे हैं। अगर आप यह वाक्य अपने संदेश से हटा देंगे तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा। कविता कोश में योगदान करते हुए रोज़ाना लगभग सभी लोग कुछ न कुछ गलतियाँ करते हैं -मेरा कार्यों में से एक उन गलतियों को समय रहते सुधार देना है। यदि मैं ऐसी गलतियाँ ना सुधार पाऊँ -तो क्षमा तो मुझे माँगनी चाहिये। आप जैसे सुधिजनों के आशीर्वाद के बल से ही तो कविता कोश जैसे बडे कार्य सफल होते हैं। आप कृपया यह वाक्य हटा दें। आपके आशीर्वाद की आकांक्षा में -सादर -ललित। '''--[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] २२:०३, २३ मई २००७ (UTC)'''
+
 
+
=
+
  हेमेन्द्र जी एवं ललित जी,
+
मै मानती हूं जब मैंने पुस्तक नहीं देखी थी मैंने सिर्फ दो शब्द  "श्रीगुर को श्रीगुरू"और"जंगम को संगम" किया था लेकिन जब मैंने पुस्तक में देखा तब  मैंने दुबारा उसे ठीक  किया  था  २४-५-०७  को।
+
गीता प्रेस गोरखपुर की  ही  पुस्तक  मेरे पास है और मैं  उससे ही  देख कर कार्य कर रही हूं  अशुद्धियां अनगिनत हैं , कोई भी पंक्तियों के नंबर नहीं प्रयोग किये इससे बहुत कठिनाई हो रही है...जब अशुद्धियां अधिक होती हैं एक बार में ठीक नहीं होती अगर सम्भव तो  कोई और भी एक बार देख सकता है वर्ना मैं ही एक बार फिर से देखूंगी।अन्यथा लेने की बात ही नहीं है लेकिन जब भी हम बहुत बड़ा इस तरह का काम देखते हैं तो कुछ कमियां रह जाना स्वाभाविक है ...कोई जानबूझ कर नहीं करता। रह गई अन्य रचनाओं की संपादन की बात तो आप स्वयं बतायें कि कहां गलती हुयी है? मैं सुधारने की कोशिश करूंगी फिर भी आपको लगता है कि मैं सही पाठ को गलत कर रही  हूं तो मेरा इस कार्य को छोड़ना ही शायद बेहतर होगा कविता कोश के लिए। मैं किसी की परेशानियां बढ़ाने के लिए कार्य नहीं कर रही । उम्मीद है आप मेरी बात को अन्यथा नहीं लेंगे...मेरा एक  सुझाव है कि अगर हम इस तरह की कहीं गलती देखें तो स्वयं भी ठीक कर  दें , मैंने पहले भी ललित जी से पूछा था अगर कुछ गलती हो गई तब कैसे ठीक होगा......आप लोग बहुत जानकार  हैं ....जल्दी ही ठीक कर  सकते हैं......मेरी जानकारी बहुत कम है.......सादर.....
+
 
+
      डा. रमा द्विवेदी
+
 
+
 
+
 
+
 
+
 
+
 
+
 
+
 
+
 
+
=प्रकाशित रचना सामने रखकर सम्पादन करें==
+
रमा द्विवेदी जी से मेरा निवेदन है कि वे सम्पादन करते समय रचना की प्रकाशित प्रति सामने रखकर सम्पादन करें। राम चरित मानस के बालकांड में उन्होने जो सम्पादन किये हैं वे सही नहीं हैं। उन्होंने अपने सम्पादन से सही पाठ को गलत कर दिया है। गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित राम चरितमानस का पाठ ही सर्वमान्य है। अन्य रचनाओं में भी उन्होने जो सम्पादन किया है उसका प्रकाशित रचना से मिलान कर संतुष्ट हो लें। आशा है रमा जी अन्यथा नहीं लेंगी।<br>
+
-हेमेन्द्र कुमार राय, 23 मई 2007
+
 
+
::मैं हेमेन्द्र जी की बात से सहमत हूँ। गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित रामचरितमानस को ही मानक माना जाता है। गीता प्रेस की वैबसाइट (http://www.gitapress.org/Download_Eng_pdf.htm) पर रामचरितमानस पी.डी.एफ़ रूप में बिना मूल्य के उपलब्ध है। आईये हम सभी इसी प्रकाशन को मानक मान कर कोश में संकलित संस्करण को संपादित करें। '''--[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] १८:५७, २४ मई २००७ (UTC)'''
+

02:20, 2 जून 2016 के समय का अवतरण

इस पन्ने के माध्यम से आप कविता कोश से संबंधित किसी भी बात पर सभी के साथ वार्ता कर सकते हैं। कृपया इस पन्ने पर से कुछ भी मिटायें नहीं। आप जो भी बात जोड़ना चाहते हैं उसे नीचे दिये गये उचित विषय के सैक्शन में जोड़ दें या नया सैक्शन बना लें। अपनी बात यहाँ जोडने के लिये इस पन्ने के ऊपर दिये गये "Edit this page" लिंक पर क्लिक करें

चौपाल की पुरानी बातें

वर्तमान    001    002    003    004    005    006    007    008   


जितेंद्र कुमार का नाम कोश में शामिल कीजिए।

इन के बारे में इधर पढ़िए। आपको जँचे तो इनका नाम शामिल कीजिए। वैसे इनकी किताबों में इन्होंने अपने नाम के आगे शर्मा नहीं लिखा है।

सुमितकुमार ओम कटारिया (वार्ता) 15:50, 1 जून 2016 (CDT)


सक्रिय योगदानकर्ताओं से

कविता कोश के सभी सक्रिय सदस्यों को मेरा नमस्कार! आशा है आप सभी स्वस्थ और सानंद होंगे। कविता कोश तेज़ी से प्रगति कर रहा है यह बहुत खुशी की बात है। इस प्रगति में आप सभी का योगदान सम्मिलित है। अब समय आ गया कि हम कोश की गुणवत्ता की ओर भी ध्यान दें। हमें केवल इस कोश में अधिकाधिक पन्नें नहीं बनाने हैं बल्कि परफ़ेक्ट पन्नें बनाने हैं। आप सभी सक्रिय सदस्य लम्बें समय से सक्रिय हैं अत: आपको अपने अनुभव का प्रयोग करते हुए परफ़ेक्ट पन्नें बनाने चाहिएँ।

सफ़र हो शाह का या क़ाफ़िला फ़क़ीरों का / अतुल अजनबी जैसे बने पन्नें कोश में स्वीकार्य नहीं हैं। इस ग़ज़ल में शे’रों के बीच दिए गए डॉट्स को हम कोश में कहीं भी प्रयोग नहीं करते। हमें इस तरह का कॉपी-पेस्ट-कार्य से आगे बढ़कर परफ़ेक्ट पन्नें बनानें होंगे। ऐसे पन्नें को बनाने का कोई बहुत अधिक फ़ायदा नहीं है जिसे अन्य लोगों को सुधारना पड़े। हम सभी के पास समय की कमी है –अत: हमें चाहिए कि चाहे हम कम पन्नें बनाएँ –लेकिन परफ़ेक्ट पन्नें बनाएँ।

कविता कोश के मानक पन्नें पर दी गई बातों का हर पन्नें पर अक्षरश: पालन करने से भी हम कोश के मानकीकरण की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे। कोश में सभी पन्नों पर जितनी अधिक हो सके उतनी अधिक समानता बहुत ज़रूरी है। अगर हम मानक गलत बनाते हैं लेकिन उस मानक का अक्षरश: पालन करते हैं तो बाद में ग़लती समझ आने पर सब कुछ सुधारना अपेक्षाकृत आसान होता है। इसके उलट अगर हम विभिन्न पन्नों पर मन-माफ़िक काम करेंगे और हर पन्नें पर अलग ही किस्म की ग़लतियाँ नज़र आएंगी तो हमें इन ग़लतियों को सुधारने में बहुत अधिक समय नष्ट करना पड़ेगा।

कॉपी-पेस्ट आसान काम है –लेकिन कविता कोश के अनुभवी योगदानकर्ताओं से अपेक्षा होती है कि वे आंख बंद करके कॉपी-पेस्ट ना करें।

कोश में नई टेम्प्लेट बनाने से पहले हमें बहुत कुछ सोचना होता है। नई टेम्प्लेट या तो ना बनाए –या फिर बनाने से पहले मुझसे उसके बारे में चर्चा कर लें।

कविता कोश में आप सभी योगदान सराहनीय है और एक-समान भाव से सम्मान का पात्र है। कोश में सबसे अधिक पन्नें बनाने या अधिक बदलाव करने की प्रतियोगिता में ना पड़ें। इसके बजाए परफ़ेक्ट पन्नें बनाने की ओर ध्यान दें और कोश में पहले से मौजूद ग़लतियों को सुधारने की ओर ध्यान दें।

लालित्य इंटरनेशनल के ज़रिए प्राप्त हुई धनराशी की मदद से कविता कोश को एक बेहतर सर्वर पर स्थानांतरित किया जा चुका है। वेबसाइट के कोड में भी मैंने बहुत-से बदलाव किए हैं। इस सबके चलते वेबसाइट पहले के मुकाबिले बेहतर हुई है लेकिन अभी भी कई समस्याएँ आड़े आ जाती हैं। मेरी कोशिश रहती है कि कविता कोश लगातार पाठकों को उपलब्ध रहे।

मैं लालित्य इंटरनेशनल के ज़रिए कविता कोश हेतु धन-जुटाने की कोशिश में व्यस्त हूँ। अनुभव से समझ आया है कि यह अपने आप में एक मुश्किल और बड़ा काम है। बहरहाल, धन उपलब्ध होते ही 500 से अधिक पृष्ठों का निर्माण करने वाले सभी योगदानकर्ताओं को उनके कार्य के अनुपात में आर्थिक मानदेय अर्पित किया जाएगा। उम्मीद है कि इससे योगदानकर्ताओं को निजी जीवन में सहायता मिलेगी।

कविता कोश को अब परफ़ेक्शन की ज़रूरत है। पन्नें बनाते समय कृपया इसका पूरा ध्यान रखें। पन्नों को बनाने के नियमों और मानकों का पालन नहीं करने पर मजबूरन योगदानकर्ता के अधिकारों को सीमित करना पड़ सकता है। ग़लती करें लेकिन ग़लती को दोहराएँ नहीं। ग़लती करके सीखना हम सभी के लिए बहुत ज़रूरी है।

आप सभी के लिए मंगलकामना सहित

आपका ही

--Lalit Kumar (वार्ता) 12:09, 23 जुलाई 2012 (IST)

मानकीकरण पृष्ठ पर समस्या

आदरणीय महोदय

कविताकोश के मानकीकरण पृष्ठ पर 'सितंबर' माह हेतु मानक शब्द 'सितम्बर' अंकित है जबकि किसी भी लेखक की जन्मतिथि सितम्बर लिखने पर बिना बने पन्ने के अनुरूप लाल रंग से चमकता है जबकि सितंबर लिखने पर वह बने पन्ने के अनुरूप नीले रंग का बना दिखता है अतुल अजनबी का पन्ना बनाने में यह समस्या प्रकट हुयी है कृपया इस ओर ध्यान देकर इसे सही करने का कष्ट करें।

--अशोक कुमार शुक्ला (वार्ता) 13:02, 24 जुलाई 2012 (IST)