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"रजनीबाला / रामकुमार वर्मा" के अवतरणों में अंतर

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इस सोते संसार बीच
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जग कर सज कर रजनी बाले!
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ये गजरे तारों वाले?
  
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मोल करेगा कौन
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इस सोते संसार बीच <br>
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निर्झर के निर्मल जल में
जग कर सज कर रजनी बाले! <br>
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ये गजरे हिला हिला धोना
कहाँ बेचने ले जाती हो, <br>
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ये गजरे तारों वाले? <br><br>
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किंचित् विचलित मत होना
  
मोल करेगा कौन <br>
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होने दो प्रतिबिम्ब विचुम्बित
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लहरों ही में लहराना
मत कुम्हलाने दो, <br>
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'लो मेरे तारों के गजरे'
सूनेपन में अपनी निधियाँ न्यारी <br><br>
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निर्झर-स्वर में यह गाना
  
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यदि प्रभात तक कोई आकर  
ये गजरे हिला हिला धोना <br>
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तुम से हाय! न मोल करे!  
लहर लहर कर यदि चूमे तो, <br>
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तो फूलों पर ओस-रूप में,  
किंचित् विचलित मत होना <br><br>
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बिखरा देना सब गजरे  
 
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लहरों ही में लहराना <br>
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निर्झर-स्वर में यह गाना <br><br>
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यदि प्रभात तक कोई आकर <br>
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तुम से हाय! न मोल करे! <br>
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तो फूलों पर ओस-रूप में, <br>
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बिखरा देना सब गजरे <br><br>
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08:34, 15 जून 2016 के समय का अवतरण

इस सोते संसार बीच
जग कर सज कर रजनी बाले!
कहाँ बेचने ले जाती हो,
ये गजरे तारों वाले?

मोल करेगा कौन
सो रही हैं उत्सुक आँखें सारी
मत कुम्हलाने दो,
सूनेपन में अपनी निधियाँ न्यारी

निर्झर के निर्मल जल में
ये गजरे हिला हिला धोना
लहर लहर कर यदि चूमे तो,
किंचित् विचलित मत होना

होने दो प्रतिबिम्ब विचुम्बित
लहरों ही में लहराना
'लो मेरे तारों के गजरे'
निर्झर-स्वर में यह गाना

यदि प्रभात तक कोई आकर
तुम से हाय! न मोल करे!
तो फूलों पर ओस-रूप में,
बिखरा देना सब गजरे