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"माया में मन / पूर्णिमा वर्मन" के अवतरणों में अंतर
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− | खेला है तो | + | खेला है तो |
− | जग में डेरा कौन बनाए | + | जग में डेरा कौन बनाए |
− | माया में मन कौन रमाए | + | माया में मन कौन रमाए |
− | कुछ न जोड़े संत फ़कीरा | + | कुछ न जोड़े संत फ़कीरा |
− | बेघर फिरती रानी मीरा | + | बेघर फिरती रानी मीरा |
− | जिस समरिधि में- | + | जिस समरिधि में- |
− | इतनी पीड़ा | + | इतनी पीड़ा |
− | उसका बोझा कौन उठाए | + | उसका बोझा कौन उठाए |
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09:19, 28 जून 2014 के समय का अवतरण
दिन भर गठरी
कौन रखाए
माया में मन कौन रमाए
दुनिया ये आनी जानी है
ज्ञानी कहते हैं फ़ानी है
चलाचली का-
खेला है तो
जग में डेरा कौन बनाए
माया में मन कौन रमाए
कुछ न जोड़े संत फ़कीरा
बेघर फिरती रानी मीरा
जिस समरिधि में-
इतनी पीड़ा
उसका बोझा कौन उठाए
माया में मन कौन रमाए