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"जीवन गाते गाते बीते / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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दुःख हो मीठे-तीते<br><br>
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दुःख हो मीठे-तीते
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07:17, 7 अगस्त 2009 का अवतरण


जीवन गाते-गाते बीते
और पहुँच कर अन्तिम सुर पर
सुमनान्जलि सा रीते

दिन भर सागरतट पर गाऊँ
बालू के घर बना मिटाऊँ
गाते ही गाते घर आऊँ
सोच न हारे जीते

नव नव धुन जागें जीवन में
नित नव राग उठे जीवन में
गीतों मे सज दूँ जो मन में
दुःख हो मीठे-तीते