भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKParichay |चित्र=MAJHAR_MIRZA.jpg |नाम='मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जा...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
|||
पंक्ति 14: | पंक्ति 14: | ||
}} | }} | ||
{{KKShayar}} | {{KKShayar}} | ||
− | * [[ / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ]] | + | * [[चली अब गुल के हाथों से लुटा कर कारवाँ अपना / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ]] |
+ | * [[हम ने की है तौबा और धूमें मचाती है बहार / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ]] | ||
+ | * [[न तू मिलने के अब क़ाबिल रहा है / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ]] | ||
+ | * [[तजल्ली गर तेरी पस्त ओ बुलंद उन को दिखलाती / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ]] | ||
+ | * [[उस गुल को भेजना है मुझे ख़त सबा के हाथ / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ]] |
07:28, 9 जुलाई 2013 का अवतरण
'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ
जन्म | 1699 |
---|---|
निधन | 1781 |
जन्म स्थान | आगरा, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ / परिचय |
- चली अब गुल के हाथों से लुटा कर कारवाँ अपना / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ
- हम ने की है तौबा और धूमें मचाती है बहार / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ
- न तू मिलने के अब क़ाबिल रहा है / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ
- तजल्ली गर तेरी पस्त ओ बुलंद उन को दिखलाती / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ
- उस गुल को भेजना है मुझे ख़त सबा के हाथ / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ