"चहका / भोजपुरी" के अवतरणों में अंतर
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | {{KKGlobal}} | + | {{KKGlobal}} |
{{KKLokRachna | {{KKLokRachna | ||
|रचनाकार=अज्ञात | |रचनाकार=अज्ञात | ||
− | }} | + | }}{{KKCatBhojpuriRachna}} |
{{KKLokGeetBhaashaSoochi | {{KKLokGeetBhaashaSoochi | ||
|भाषा=भोजपुरी | |भाषा=भोजपुरी | ||
}} | }} | ||
− | '''१.''' | + | '''१.''' |
− | सिया डाले राम गले जय माला, सिया डाले राम गले जय माला। | + | सिया डाले राम गले जय माला, सिया डाले राम गले जय माला। |
− | रामचन्द्र दुलहा बनि आए। दुलहा बनि आए, दुलहा बनि आए। | + | रामचन्द्र दुलहा बनि आए। दुलहा बनि आए, दुलहा बनि आए। |
− | आरे लछुमन होऽऽ, बने सोहबाला, सिया डाले... | + | आरे लछुमन होऽऽ, बने सोहबाला, सिया डाले... |
− | '''२.''' | + | '''२.''' |
− | केदली बन भौंरा रस माते, के दली बन भौंरा रस माते। | + | केदली बन भौंरा रस माते, के दली बन भौंरा रस माते। |
− | केकरा गृहे जन्मे सिया जानकी, अरे केकरा हो, | + | केकरा गृहे जन्मे सिया जानकी, अरे केकरा हो, |
− | केकरा गृह में पारवती, केदली बन भौंरा रस माते। | + | केकरा गृह में पारवती, केदली बन भौंरा रस माते। |
− | केइएँ विवाही सिया जानकी, | + | केइएँ विवाही सिया जानकी, |
− | केइएँ विवाही पारबती, केदली बन भौंरा रस माते। | + | केइएँ विवाही पारबती, केदली बन भौंरा रस माते। |
− | राजा जनक गृहे सिया जानकी, अरे राजा होऽऽ, | + | राजा जनक गृहे सिया जानकी, अरे राजा होऽऽ, |
− | राजा हिवंचल के पारबती, केदली बन भौंरा रस माते। | + | राजा हिवंचल के पारबती, केदली बन भौंरा रस माते। |
− | '''३.''' | + | '''३.''' |
− | वर दऽ हो भवानी, इहे मगन हम मांगी ले। | + | वर दऽ हो भवानी, इहे मगन हम मांगी ले। |
− | रामचन्द्र ऐसो कंत, लखन ऐसो देवर ज्ञानी, इहे मंगन... | + | रामचन्द्र ऐसो कंत, लखन ऐसो देवर ज्ञानी, इहे मंगन... |
− | राजा दसरथ ऐसो सुसर, सास कोसिल्या रानी, इहे मंगन... | + | राजा दसरथ ऐसो सुसर, सास कोसिल्या रानी, इहे मंगन... |
− | राजा अयोध्या सरजुग जल निर्मल पानी, इहे मंगन... | + | राजा अयोध्या सरजुग जल निर्मल पानी, इहे मंगन... |
− | '''४.''' | + | '''४.''' |
− | तनि भरि दऽ गगरियाऽ हो श्याम कहे बृजनारि। | + | तनि भरि दऽ गगरियाऽ हो श्याम कहे बृजनारि। |
− | हमसे चढ़ा जात नाहि मोहन, जमुना ऊँच अरारी, | + | हमसे चढ़ा जात नाहि मोहन, जमुना ऊँच अरारी, |
− | पाव धरत हमरो जीउ डरऽवत, | + | पाव धरत हमरो जीउ डरऽवत, |
− | दूजे पाव में पायल भारी, कहे बृजनारि। | + | दूजे पाव में पायल भारी, कहे बृजनारि। |
13:46, 21 सितम्बर 2013 का अवतरण
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
१. सिया डाले राम गले जय माला, सिया डाले राम गले जय माला। रामचन्द्र दुलहा बनि आए। दुलहा बनि आए, दुलहा बनि आए। आरे लछुमन होऽऽ, बने सोहबाला, सिया डाले...
२. केदली बन भौंरा रस माते, के दली बन भौंरा रस माते। केकरा गृहे जन्मे सिया जानकी, अरे केकरा हो, केकरा गृह में पारवती, केदली बन भौंरा रस माते। केइएँ विवाही सिया जानकी, केइएँ विवाही पारबती, केदली बन भौंरा रस माते। राजा जनक गृहे सिया जानकी, अरे राजा होऽऽ, राजा हिवंचल के पारबती, केदली बन भौंरा रस माते।
३. वर दऽ हो भवानी, इहे मगन हम मांगी ले। रामचन्द्र ऐसो कंत, लखन ऐसो देवर ज्ञानी, इहे मंगन... राजा दसरथ ऐसो सुसर, सास कोसिल्या रानी, इहे मंगन... राजा अयोध्या सरजुग जल निर्मल पानी, इहे मंगन...
४. तनि भरि दऽ गगरियाऽ हो श्याम कहे बृजनारि। हमसे चढ़ा जात नाहि मोहन, जमुना ऊँच अरारी, पाव धरत हमरो जीउ डरऽवत, दूजे पाव में पायल भारी, कहे बृजनारि।