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"चुप चुप खड़े हो जरूर कोई बात है / हरियाणवी" के अवतरणों में अंतर

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जिठाणी भी आवै पिलंग बिछावै,
 
जिठाणी भी आवै पिलंग बिछावै,
 
पिलंग बिछाई मांगे झगड़े की बात है- चुप...
 
पिलंग बिछाई मांगे झगड़े की बात है- चुप...
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नणदल भी आवै सतिये लगावै
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देवर भी आवै बंसी बजावै
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बंसी बजाई मांगे झगड़े की बात है- चुप...
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दाई भी आवै होलर जणावे,
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होलर जणाई मांगे झगड़े की बात है- चुप...
 
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20:25, 9 जुलाई 2014 के समय का अवतरण

चुप चुप खड़े हो जरूर कोई बात है
ललणा तो जाया पूनो की आधी रात है- टेक
सासू भी आवै दिवला चसावै
दिवला चसाई मांगै झगड़े की बात है- चुप...
जिठाणी भी आवै पिलंग बिछावै,
पिलंग बिछाई मांगे झगड़े की बात है- चुप...
नणदल भी आवै सतिये लगावै
सतिये लगाई मांगे झगड़े की बात है- चुप...
देवर भी आवै बंसी बजावै
बंसी बजाई मांगे झगड़े की बात है- चुप...
दाई भी आवै होलर जणावे,
होलर जणाई मांगे झगड़े की बात है- चुप...