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"राम राम राम राम राम राम रट रे / भजन" के अवतरणों में अंतर

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राम राम राम राम राम राम रट रे ॥<br>
 
राम राम राम राम राम राम रट रे ॥<br>
 
भव के फंद करम बंध पल में जाये कट रे ॥<br><br>
 
भव के फंद करम बंध पल में जाये कट रे ॥<br><br>

20:25, 17 अप्रैल 2009 का अवतरण

राम राम राम राम राम राम रट रे ॥
भव के फंद करम बंध पल में जाये कट रे ॥

कुछ न संग ले के आये कुछ न संग जाना ।
दूर का सफ़र है सिर पे बोझ क्यों बढ़ाना ।
मत भटक इधर उधर तू इक जगह सिमट रे ॥
राम राम राम राम राम राम रट रे ॥

राम को बिसार के फिरे है मारा मारा ।
तेरे हाथ नाव राम पास है किनारा ।
राम की शरण में जा चरण से जा लिपट रे ॥
राम राम राम राम राम राम रट रे ॥