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"वृखभानुजा माधव सुप्रातहि / प्रेमघन" के अवतरणों में अंतर
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वृखभानुजा माधव सुप्रातहिं भानुजा तट पै खरे। | वृखभानुजा माधव सुप्रातहिं भानुजा तट पै खरे। |
12:47, 2 फ़रवरी 2016 के समय का अवतरण
वृखभानुजा माधव सुप्रातहिं भानुजा तट पै खरे।
दोऊ दुहूँ मुख चन्द निरखत चखनि जुग आनन्द भरे॥
मन दिये विनती करत माधव मिलन हित ठाढ़े अरे।
बद्री नरायन जू निहारत मन निछावर हित धरे॥