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"सुर्ख़ हथेलियाँ / सर्वेश्वरदयाल सक्सेना" के अवतरणों में अंतर
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16:33, 24 मई 2009 का अवतरण
पहली बार
मैंने देखा
भौंरे को कमल में
बदलते हुए,
फिर कमल को बदलते
नीले जल में,
फिर नीले जल को
असंख्य श्वेत पक्षियों में,
फिर श्वेत पक्षियों को बदलते
सुर्ख़ आकाश में,
फिर आकाश को बदलते
तुम्हारी हथेलियों में,
और मेरी आँखें बन्द करते
इस तरह आँसुओं को
स्वप्न बनते -
पहली बार मैंने देखा ।