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+ | दिलि में दर्दनि जा थी दूंहां दुखाए | ||
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15:32, 6 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण
जोॻी अड़नि जी थींदसि जोॻयाणी
महबूबड़नि जी मां थींदसि जोॻयाणी
सिक साईंअ जीथी मूंखे सताए
दिलि में दर्दनि जा थी दूंहां दुखाए
खयूं थी निहारियां मां नेण ‘निमाणी’
जोॻी त जीउ में जादू हणी विया
से साण दिलड़ी त मुंहिंजी खणी विया
विरह वेराॻ में वतां थी वेॻाणी
पल पल मां दर्शन जी आहियां प्यासी
हर दम आहियां ‘निमाणी’ उन्हनि दर जी दासी
जोॻियुनि जे दर ते मां आहियां विकाणी
महबूबड़नि जे मां थींदसि जोॻयाणी