भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मौन हिरदय / सरवन बख्तावर" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सरवन परोही |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatSur...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) छो (Lalit Kumar ने मौन हिरदय / सरवन परोही पृष्ठ मौन हिरदय / सरवन बख्तावर पर स्थानांतरित किया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
10:15, 21 मार्च 2018 के समय का अवतरण
उ तो बोलत गैल, ऐसन बोली जैसे तीर के समान,
हिरदय से हमार कोई बात ना निकरल, रह गैल हिरदय मौन
पीर और दरद सहा ना गैल, अँखियाँ से दुई बूँद आँसू भी चुई गैल
सोच तो बस इतना भैल,
काहे हमके ना मिलल ओकर साथ?
जेके हिरदय में बसैली, ओही ना समझिस हिरदय के बात?
पर तसल्ली मिलल सोच के,
ओहमन ओकर कसूर कौन,
जब हिरदय ही हरदम रहत गैल मौन
मौन रहके भी बोलिस हिरदय सब बात,
हमहू ना समझ पैली, सोचत रह गैली दिन-रात।