भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"बांस बॅन / विकास पाण्डेय" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भवप्रीतानन्द ओझा |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
− | |रचनाकार= | + | |रचनाकार=विकास पाण्डेय |
|अनुवादक= | |अनुवादक= | ||
|संग्रह=अंगिका के प्रतिनिधि प्रकृति कविता / गंगा प्रसाद राव | |संग्रह=अंगिका के प्रतिनिधि प्रकृति कविता / गंगा प्रसाद राव |
13:48, 14 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
हमरा नै पानी के चिन्ता
नैं बतासॅ के
हमरा नै जेठॅ के डॅर
नै पूसॅ के
ई सभ्भे हमरॅ पचैलॅ छै
जुड़ाबै छी मन
हम्मे छिकां बांस बॅन
जों सहलाबै छै पुरबा तेॅ
जों सहलाबै छै पुरबा तेॅ
बाँसुरी के तान छेड़ै छियै
पत्ता सें करताल दै छियै
जों छेढ़ै छै अंधड़ तेॅ
जों छेड़ै छै अंधड़ तेॅ
धनुषटंकार करै छियै
नागॅ रं फुफकार करै छियै
तखनी हमें नाग
जेना काढ़ै छै फॅन
हम्में छिकां बांस बॅन।