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"म्हारे आलीजा री चंग / राजस्थानी" के अवतरणों में अंतर

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म्हारे आलीजा री चंग, बाजै अलगौजा रे संग,
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फागण आयो रे!
  
म्हारे आलीजा री चंग, बाजै अलगौजा रे संग, <br>
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रूंख-रूंख री नूंवी कूपळा, गीत मिलण रा अब गावै
फागण आयो रे ! <br><br>
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बन-बागां म काळा भंवरा, कळी-कळी ने हरसावै
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गूंझै ढोलक ताल मृदंग, बाजे आलीजा री चंग
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फागण आयो रे!
  
रूंख-रूंख री नूंवी कूपळा, गीत मिलण रा अब गावै। <br>
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आज बणी हर नारी राधा, नर बणिया है आज किसन
बन-बागां म काळा भंवरा, कळी-कळी ने हरसावै। <br>
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रंग प्रीत रो एडो बिखर्यो, गली-गली है बिंदराबन
गूंझै ढोलक ताल मृदंग, बाजे आलीजा री चंग।। <br>
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हिवडै-हिवडै उठे तरंग, बाजे आलीजा री चंग
फागण आयो रे ! <br><br>
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फागण आयो रे!  
 
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आज बणी हर नारी राधा, नर बणिया है आज किसन। <br>
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रंग प्रीत रो एडो बिखर्यो, गली-गली है बिंदराबन। <br>
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हिवडै-हिवडै उठे तरंग, बाजे आलीजा री चंग।। <br>
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07:32, 9 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

म्हारे आलीजा री चंग, बाजै अलगौजा रे संग,
फागण आयो रे!

रूंख-रूंख री नूंवी कूपळा, गीत मिलण रा अब गावै
बन-बागां म काळा भंवरा, कळी-कळी ने हरसावै
गूंझै ढोलक ताल मृदंग, बाजे आलीजा री चंग
फागण आयो रे!

आज बणी हर नारी राधा, नर बणिया है आज किसन
रंग प्रीत रो एडो बिखर्यो, गली-गली है बिंदराबन
हिवडै-हिवडै उठे तरंग, बाजे आलीजा री चंग
फागण आयो रे!