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"हम तुम / चंद ताज़ा गुलाब तेरे नाम / शेरजंग गर्ग" के अवतरणों में अंतर

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दुनिया चलती है अपने रस्तों पर
 
दुनिया चलती है अपने रस्तों पर
 
और खामोश से खड़े हम तुम
 
और खामोश से खड़े हम तुम

18:02, 4 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण

दुनिया चलती है अपने रस्तों पर और खामोश से खड़े हम तुम देखते एक दूसरे की तरफ़ मानो मुद्दत से हों युँ ही गुम सुम। </poem>