भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सड़के सड़के जान्दिये मुटिआरे नी / पंजाबी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=पंजाबी }} <poem> सड़के सड़के…)
 
पंक्ति 10: पंक्ति 10:
 
कंडा चुबा तेरे पैर बांकिये नारे नी.
 
कंडा चुबा तेरे पैर बांकिये नारे नी.
 
कौन कडे तेरा कांडड़ा मुटिआरे नी,
 
कौन कडे तेरा कांडड़ा मुटिआरे नी,
कौन सहे तेरी पीड बांकिये नारे नी.
+
कौन सहे तेरी पीड बांकिये नारे नी.
भाबो कडे मेरा कांडड़ा सिपैया वे,
+
भाबो कडे मेरा कांडड़ा सिपाईया वे,
वीर सहे मेरी पीड मैं तेरी मेहरम
+
वीर सहे मेरी पीड मैं तेरी मेहरम ना.
 
खुई ते पाणी भरेंदिये मुटिआरे नी,
 
खुई ते पाणी भरेंदिये मुटिआरे नी,
पाणी दा  घुट पिला, बांकिये नारे नी.
+
पाणी दा  घुट पिला, बांकिये नारे नी.
अपना कड्या न दवां सिपैया वे,
+
अपना कड्या न दवां सिपाईया वे,
 
लज्ज पई भर पी, जान्देया रहिया वे.
 
लज्ज पई भर पी, जान्देया रहिया वे.
 
घड़ा तेरा जे भन्न देयां मुटियारे नी,
 
घड़ा तेरा जे भन्न देयां मुटियारे नी,
लज्ज करां टोटे चार , बांकिये नारे नी.
+
लज्ज<ref>रस्सी</ref> करां टोटे चार, बांकिये नारे नी.
घड़ा भजे कुम्ह्यारां दा सिपैया वे,
+
घड़ा भजे कुम्ह्यारां दा सिपाईया वे,
लज्ज पट्टे दी डोर मैं तेरी मेहरम
+
लज्ज पट्टे दी डोर मैं तेरी मेहरम ना.
वड्डे वेले दी टोरिये सुण नूअडिये
+
वड्डे वेले दी टोरियें सुण नूअडिये
आयियों शामां पा नी भोली नूअडिये
+
आयियों शामां पा नी भोलीए नूअडिये.
 
इक उच्चा लम्मा गाबरू सुण सस्सडिये,  
 
इक उच्चा लम्मा गाबरू सुण सस्सडिये,  
बैठाई झगड़ा पा नी भोलिए सस्सडिये
+
बैठा झगड़ा पा नी भोलिए सस्सडिये.
 
ओ तां मेरा पुत्त लग्गे सुण नूअडिये
 
ओ तां मेरा पुत्त लग्गे सुण नूअडिये
तेरा लागदा ए कंत नी भोली नूअडिये
+
तेरा लागदा ए कंत<ref>पति</ref> नी भोलीए नूअडिये<ref>(प्यारी)बहू</ref>.
 
भर कटोरा दुधे दा नी सुण नूअडिये,
 
भर कटोरा दुधे दा नी सुण नूअडिये,
जाके कंत मना नी भोली नूअडिये
+
जाके कंत मना नी भोलीए नूअडिये.
 
तेरा आंदा मैं न पियाँ मुटिआरे नी,
 
तेरा आंदा मैं न पियाँ मुटिआरे नी,
 
खुए वाली गल सुणा नी बांकिये नारे नी.
 
खुए वाली गल सुणा नी बांकिये नारे नी.
निक्की हुन्दी नू छड्ड गया सिपैया वे,
+
निक्की हुन्दी नू छड्ड गया सिपाईया वे,
 
हुण होइयां मुटिआर मैं ता तेरी मेहरम हाँ.
 
हुण होइयां मुटिआर मैं ता तेरी मेहरम हाँ.
सौ गुनाह मन्ने  रब बख्शे सिपैया वे,
+
सौ गुनाह मैनूं रब बख्शे सिपाईया वे,
 
इक बख्शेंगा तू, मैं ता तेरी मेहरम<ref>प्रेमिका</ref> हाँ
 
इक बख्शेंगा तू, मैं ता तेरी मेहरम<ref>प्रेमिका</ref> हाँ
 
</poem>
 
</poem>
 
{{KKMeaning}}
 
{{KKMeaning}}

22:55, 3 मार्च 2010 का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

सड़के सड़के जान्दिये मुटिआरे नी
कंडा चुबा तेरे पैर बांकिये नारे नी.
कौन कडे तेरा कांडड़ा मुटिआरे नी,
कौन सहे तेरी पीड बांकिये नारे नी.
भाबो कडे मेरा कांडड़ा सिपाईया वे,
वीर सहे मेरी पीड मैं तेरी मेहरम ना.
खुई ते पाणी भरेंदिये मुटिआरे नी,
पाणी दा घुट पिला, बांकिये नारे नी.
अपना कड्या न दवां सिपाईया वे,
लज्ज पई भर पी, जान्देया रहिया वे.
घड़ा तेरा जे भन्न देयां मुटियारे नी,
लज्ज<ref>रस्सी</ref> करां टोटे चार, बांकिये नारे नी.
घड़ा भजे कुम्ह्यारां दा सिपाईया वे,
लज्ज पट्टे दी डोर मैं तेरी मेहरम ना.
वड्डे वेले दी टोरियें सुण नूअडिये
आयियों शामां पा नी भोलीए नूअडिये.
इक उच्चा लम्मा गाबरू सुण सस्सडिये,
बैठा झगड़ा पा नी भोलिए सस्सडिये.
ओ तां मेरा पुत्त लग्गे सुण नूअडिये
तेरा लागदा ए कंत<ref>पति</ref> नी भोलीए नूअडिये<ref>(प्यारी)बहू</ref>.
भर कटोरा दुधे दा नी सुण नूअडिये,
जाके कंत मना नी भोलीए नूअडिये.
तेरा आंदा मैं न पियाँ मुटिआरे नी,
खुए वाली गल सुणा नी बांकिये नारे नी.
निक्की हुन्दी नू छड्ड गया सिपाईया वे,
हुण होइयां मुटिआर मैं ता तेरी मेहरम हाँ.
सौ गुनाह मैनूं रब बख्शे सिपाईया वे,
इक बख्शेंगा तू, मैं ता तेरी मेहरम<ref>प्रेमिका</ref> हाँ

शब्दार्थ
<references/>