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"गुमान / परवीन शाकिर" के अवतरणों में अंतर
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18:47, 25 मई 2009 का अवतरण
मैं कच्ची नींद में हूँ
और अपने नीमख़्वाबिदा तनफ़्फ़ुस में उतरती
चाँदनी की चाप सुनती हूँ
गुमाँ है
आज भी शायद
मेरे माथे पे तेरे लब
सितारे सबात करते हैं