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<poem>
'''अकबर इलाहाबादी ने लिखा है'''
'''किस बला का जोश जानां तेरे दीवाने में है ।''''''कल ज़मानत पर छुटा था आज फिर थाने में है ।'''
उन्हीं की तर्ज़ पर --
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