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शरीर / ऋतुराज

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पृथ्वी से आदिजीव विभु जैसा प्यार<br>
कैसे भुला दोगे अनवरत् सुंदरता की<br>
स्तुति का स्‍वभाव स्वभाव कैसे भुला दोगे<br><br>
अभी तो इतने वर्ष रूष्ट रहे इसका<br>
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