भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"गिलास भर नर्मदा / प्रेमशंकर रघुवंशी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रेमशंकर रघुवंशी }} {{KKCatKavita‎}} <poem> बिन्नू गिलास-भर …)
 
(कोई अंतर नहीं)

11:17, 31 मार्च 2011 के समय का अवतरण

बिन्नू गिलास-भर नर्मदा लाई
और दे गई जीवन मुझे

अब प्याला-भर चाय लाएगी
और महँगाई का राग अलापेगी ।