भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"हवाएँ चुप नहीं रहतीं / वेणु गोपाल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 58: पंक्ति 58:
 
* [[चाहे जितना उजाला / वेणु गोपाल]]
 
* [[चाहे जितना उजाला / वेणु गोपाल]]
 
* [[जेल में एक कविता / वेणु गोपाल]]
 
* [[जेल में एक कविता / वेणु गोपाल]]
* [[वे हाथ होते हैं / वेणु गोपाल]]
+
* [[वे हाथ होते हैं. / वेणु गोपाल]]
 
* [[कर्फ़्यू में आदमी / वेणु गोपाल]]
 
* [[कर्फ़्यू में आदमी / वेणु गोपाल]]
 
* [[गोलीबार से पहले / वेणु गोपाल]]
 
* [[गोलीबार से पहले / वेणु गोपाल]]

00:37, 18 सितम्बर 2007 का अवतरण


हवाएँ चुप नहीं रहतीं
रचनाकार वेणु गोपाल
प्रकाशक संभावना प्रकाशन, रेवती कुंज, हापुड़-245101 (उत्तरप्रदेश)
वर्ष 1980
भाषा हिन्दी
विषय
विधा
पृष्ठ 104
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।


इस अकाल काल में

नए हाथ जब बन्दूक थामते हैं

फ़ैसला वे ही हाथ करेंगे

यह तो युद्ध है