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(मालिक मुहम्मद जायसी की रचना पद्मावत के विषय में) |
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+ | जिसमे डूब निकाली तुमने पद्मावत की रतन कहानी <br /> | ||
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+ | - श्री हरिवंश राय बच्चन <br /> | ||
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+ | सारांश: मालिक मुहम्मद जायसी की रचना पद्मावत के विषय में |
04:27, 8 दिसम्बर 2011 का अवतरण
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उस मधुघट से होठ लगाने दो तुम मुझको भी हे कवी दानी
जिसमे डूब निकाली तुमने पद्मावत की रतन कहानी
जिसकी प्रतिध्वनियाँ आती है हर नर नारी के चित उर से
जिससे उजियाला होता आया है हर प्रेमी के जग में
जायस के हे एक नयन कवी सगुन बनो तुम मेरे मन में
- श्री हरिवंश राय बच्चन
सारांश: मालिक मुहम्मद जायसी की रचना पद्मावत के विषय में