भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"खुदी / नीना कुमार" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नीना कुमार }} <poem> मेरे हाल-ए-अक़्ल क...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

12:59, 14 फ़रवरी 2013 के समय का अवतरण

मेरे हाल-ए-अक़्ल का भला कोई गवाह क्यूँ हो
किसीके फैसले-ए-ज़िन्दगी इतनी सलाह क्यूँ हो
कह दो जो है कहना- कोई कितना बदगुमाँ हो
खुदी पे गर हो भरोसा, तो फिर परवाह क्यूँ हो