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"ईशी के लिए / पवन कुमार" के अवतरणों में अंतर

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08:34, 27 अप्रैल 2013 के समय का अवतरण

अब
दुनिया के मैदान-ए-जंग में
जब आ ही गई हो तुम,
तो
कुछ मसअले
कुछ नसीहतें
कुछ फि’करें
कुछ अक़ीदतें
कुछ फ’न
कुछ शरीअतें
अपने बटुए में रख लो।
ये सारी मुहरें
मैंने
और तुम्हारी माँ ने
वक्त को ख़र्च करके
ख़रीदी हैं।